Tax authorities send Rs 606 crore GST demand notice to LIC



नई दिल्ली: भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को प्राप्त हुआ मांग नोटिस कम भुगतान के लिए लगभग 605.58 करोड़ रुपये का जुर्माना वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20. द कर प्राधिकरण गुरुवार को एलआईसी को नोटिस भेजा गया।
निगम को एक संचार/मांग आदेश प्राप्त हुआ है ब्याज और जुर्माना समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एलआईसी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि महाराष्ट्र के लिए यह कदम उठाया गया है।
आदेश के विरुद्ध मुंबई स्थित राज्य कर (अपील) के संयुक्त आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकती है।
मामला गलत लाभ उठाने और कम समय में वापस लेने से संबंधित है। इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) और उस पर ब्याज देर से भुगतानयह कहा।
एलआईसी को मुंबई के राज्य कर उपायुक्त से 294 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस, 281 करोड़ रुपये का ब्याज और 29 करोड़ रुपये का जुर्माना मिला।
इसमें कहा गया है कि बीमा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर इसका कोई भौतिक प्रभाव नहीं पड़ा है।
एलआईसी के पास 14.1 लाख से अधिक एजेंट हैं, जो विश्वभर में बीमा कम्पनियों के बीच सबसे बड़ी एजेंसी है।
पहले साल की प्रीमियम आय में निगम की बाजार हिस्सेदारी 61.4% से बढ़कर 64% हो गई। व्यक्तिगत व्यवसाय खंड में, एलआईसी के पास 39.3% बाजार हिस्सेदारी थी, जबकि समूह व्यवसाय में 76.6% हिस्सेदारी के साथ इसका दबदबा था।
तिमाही के दौरान कुल प्रीमियम आय 15.7% बढ़कर 1,13,770 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 98,363 करोड़ रुपये थी।
व्यक्तिगत व्यवसाय प्रीमियम 7.04% बढ़कर 67,192 करोड़ रुपये हो गया, जबकि समूह व्यवसाय प्रीमियम 30.9% बढ़कर 46,578 करोड़ रुपये हो गया।
एलआईसी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां साल-दर-साल 16.2% बढ़कर 54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। इसके अतिरिक्त, एलआईसी का सॉल्वेंसी अनुपात पिछले वर्ष के 1.9 से बढ़कर 2 हो गया। समग्र व्यय अनुपात 98 आधार अंकों की कमी के साथ 11.9% पर आ गया, जो बेहतर परिचालन दक्षता को दर्शाता है।





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By Naresh Kumawat

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