नई दिल्ली: रूसी दूतावास ने जापान में मास्को के “विशेष सैन्य अभियान” के दौरान भारतीयों के नरसंहार की “दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ” पर शोक व्यक्त किया है। रूसी दूतावास ने कहा कि अप्रैल में उसकी सशस्त्र सेनाओं में भारतीयों की भर्ती बंद कर दी गई है। एक बयान में दूतावास ने कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली में उन भारतीय नागरिकों की शीघ्र “पहचान और सेवा से मुक्ति” के लिए निकट सहयोग से काम कर रहे हैं, जो सैन्य सेवा में साक्षिक कार्य में शामिल थे और अब घर लौटना चाहते हैं हैं। इसमें कहा गया है कि इस साल अप्रैल से रूस के रक्षा मंत्रालय ने भारत समेत कई अन्य देशों के नागरिकों की सैन्य सेवा में भर्ती बंद कर दी है।
विदेश मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी सप्ताह शुक्रवार (09-08-2024) को कॉम में इस बारे में पूरी जानकारी दी थी। जयशंकर ने कहा कि सरकार रूसी सेना में 69 भारतीय नागरिकों की सेवा के लिए बाहर से भर्ती का इंतजार कर रही है और कई मामलों में ऐसे संकेत मिले हैं कि भारतीय नागरिकों को भर्ती कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कब्जे में उठाया था। उन्होंने उत्तर में साउदर्न साइबेरिक्स और सार्कुलर आर्काइव्स के हवाले से यह भी कहा है कि सरकार ने रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती, पूर्व एशियाई देशों में नागरिकों की आपराधिक इकाइयों को नामांकित करने की बात कही है।
रूसी सेना में शामिल थे ये तीन भारतीय
जयशंकर ने नोम में कहा था कि रूसी सेना में कुल 91 भारतीय नागरिकों की भर्ती होने की जानकारी मिली है जिनमें से आठ की मौत हो गई है, 14 को छुट्टी दे दी गई है या वापस भेज दिया गया है और 69 रूसी सेना के नागरिक से बाहर आने का इंतज़ार है।
ये है सबसे बड़ी समस्या
विदेश मंत्री ने सदन को बताया कि पीएम मोदी ने पिछले महीने भी मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर जनरल से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। मंत्री ने यह भी कहा कि समस्या यह है कि रूसी अधिकारियों का कहना है कि भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना की सेवा के लिए अनुबंध किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति पासपोर्ट से पासपोर्ट मिला है कि जो भी भारतीय नागरिक रूसी सेना की सेवा में है, उसे सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। (भाषा)
यह भी पढ़ें:
बांग्लादेश में सामुहिक और हिंसा के बीच अतिक्रमित व्यवस्था, बंद पड़े हैं एटीएम; पुलिस सिस्टम ख़त्म