रोहन जेटली डीडीसीए अध्यक्ष: बहुमत के पुत्रों को एक और पद के लिए राष्ट्रपति चुना गया है। उन्हें तीसरी बार दिल्ली जिला क्रिकेट संघ के प्रमुख की कुर्सी मिली है। उन्होंने भारत के पूर्व क्रिकेट कीर्ति आजाद को चुनाव में आसानी से बताया। 35 साल के रोहन को 1577 वोट मिले जबकि आजाद को 777 वोट मिले। कुल 2413 वोट डाले गए और 1207 वोट दिए जाने थे।
साल 2020 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे रोहन में हिस्सेदारी
रोहन अंश 2020 में निर्विरोध चुने गए थे जब रजत शर्मा ने बीच में ही पद छोड़ दिया था। एक साल बाद उन्होंने एडवोकेट विकास सिंह को हरा दिया। आवास सुविधा 14 वर्ष तक डीडीसीए अध्यक्ष रह रहे थे। रोहन को बास्केटबॉल के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना का समर्थन प्राप्त था, जिसे दिल्ली क्रिकेट में काफी विश्लेषक माना जाता है।
शिखा बनीं उपाध्यक्ष
सीके पद खन्ना की बेटी शिखा ने उपराष्ट्रपति चुनाव में राकेश कुमार बैसाख और एबीएपी कुमार अग्रवाल को हराया। तीन को वोट मिले: 1246, 536 और 498 वोट मील। अशोक कुमार (893) सचिव चुने गए जबकि सुरेश सिंगला (1328) सचिव बने। अमित ग्रोवर (1189) यूनाइटेड सिचहोग। सभी तीन साल के लिए चुने गए हैं। अन्य में आनंद वर्मा (985), मनजीत सिंह (1050), नवदीप एम (1034), श्याम शर्मा (1165), तुषार सहगल (926), विकास कत्याल (1054) और विक्रम कोहली (939) निर्देशक के पद पर चुने गए। इस पद के लिए चुनाव हर साल होता है।
कीर्ति आज़ाद ने लगाए थे ताले के आरोप
भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य कीर्ति आजाद आजाद पश्चिम बंगाल में बर्धमान दुर्गापुर सीट से सोमनाथ कांग्रेस के सदस्य हैं। उन्होंने डीडीसीए में सामुहिक के आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि डीडीसीए ने फ्लड लाइट लगाने पर 17.5 करोड़ का खर्च किया, जबकि पीएम मोदी के स्टेडियम में यह काम सिर्फ साढ़े सात करोड़ का हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीडीसीए प्रशासन ने पिछले साल फुटबॉल में 140 करोड़ रुपये खर्च किये थे।
(इनपुट: पीटीआई)
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