काठमांडू नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के सामने अब नई चुनौती खड़ी हो गई है। बता दें कि नेपाल में वह गठबंधन सरकार चला रहे हैं। मगर पूर्व गुरिल्ला नेता ‘प्रचंड’ ने नेपाली कांग्रेस का साथ खत्म कर दिया, सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली के नेतृत्व वाले दूसरे सबसे बड़े दल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के साथ सीपीएन-यू शैली ने एक नया गठबंधन बनाया। था. अब उनके सामने विश्वास मत हासिल करने की चुनौती है। प्रचंड 13 मार्च तक संसद में विश्वास मत हासिल करने की योजना बना रहे हैं। ‘प्रचंड’ ने कुछ दिन पहले ही सीपीएन-यू नाम का एक नया गठबंधन बनाया था।
प्रचंड की ओर से विश्वास मत हासिल करने का यह तीसरा प्रयास होगा। नेपाल के सांविधानिक शास्त्रीयों के अनुसार किसी भी सहयोगी दल का समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है। प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ ने शनिवार को पार्टी में अपने करीबी लोगों के साथ इस मामले पर अनहोनी चर्चा की। पार्टी के सचिव गणेश शाह के अनुसार सीपीएन-मावाडियो केंद्र के संसदीय दल की बैठक में 13 मार्च को मतदान के दौरान सभी दलों के सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए व्हिप जारी करने का निर्णय लिया गया। शाह ने कहा कि इस कार्य का अंतिम निर्णय रविवार को पार्टी की बैठक में लिया जाएगा।
13 मार्च को साइबेरियाई सदन का सत्र बुलाया गया
संसद के विधान सभा – प्रतिनिधि सभा – को सत्र के लिए 13 मार्च को बुलाया गया है। नेपाल के स्थानीय मीडिया के अनुसार नए गठबंधन के पास 275 लोकतांत्रिक संसद में स्वायत्त संख्या है। सत्यता अनुपात में बदलाव और संसद के वापस मठ में सबसे बड़े दल नेपाली कांग्रेस सरकार से समर्थन लेने के बाद ‘प्रचंड’ को बहुमत साबित करने के लिए 30 दिनों के भीतर विश्वास मत हासिल करना अनिवार्य हो गया है। साल पहले प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह तीसरा विश्वास मत होगा। डेली न्यूजपत्र ‘द काठमांडू पोस्ट’ के अनुसार सदन के ऊपरी सदन राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 12 मार्च को निर्धारित किया गया है। इस बीच प्रधानमंत्री ‘प्रचंड’ ने रविवार को अपनी सदस्यता में दो नए सदस्यों को शामिल करते हुए दूसरी बार विस्तार किया है। (भाषा)
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