कुआलालंपुरः विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने रविवार को कहा कि चीन के साथ उत्पादों की सामान्य स्थिति केवल सैनिकों के पारंपरिक पारंपरिक आधार पर हासिल की जाएगी और बीजिंग के साथ मिलकर आगे बढ़ाने के लिए यही पूर्व शर्त होगी। जयशंकर ने मलेशिया की राजधानी में भारतीय राजधानी के साथ बातचीत के दौरान चीन के साथ भारत की स्थिर स्थिति पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ”भारतीयों के प्रति मेरी पहली मित्रता सीमा की सुरक्षा है और मैं इस संबंध में कभी ”समझौता नहीं किया जा सकता।” उन्होंने कहा कि हर देश ”अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहता है।” कौन नहीं चाहता? लेकिन हर संस्थान को किसी न किसी आधार पर स्थापित करना होता है।
जयशंकर ने कहा, ”हम अभी भी चीन के साथ बातचीत कर रहे हैं। मैं अपने समकक्ष से बात करता हूं। हम समय-समय पर मिलते रहते हैं। हमारे सैन्य कमांडर एक-दूसरे से बातचीत करते हैं। लेकिन हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है कि हमारे बीच एक समझौता था। वहाँ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है। हमारी उस लाइन पर सेना की कोई परंपरा नहीं है। हम दोनों के सैन्य उपकरण कुछ दूरी पर स्थित हैं, जो हमारे पारंपरिक उपकरणों की जगह है। और हम सामान्य स्थिति चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि सीमा पर सेना के निशान के मामले में सामान्य स्थिति के साथ आकलन को आगे बढ़ाने का आधार मिलेगा। उन्होंने कहा कि चीन के मामले में संबंध कई बिंदुओं से मुश्किल हो रहे हैं, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद है।
चीन ने की सीमा पर हिंसा
जयशंकर ने कहा, ”लेकिन कई वर्षों तक सीमा विवाद के बावजूद, हम वास्तव में महत्वपूर्ण संबंध बनाते हैं क्योंकि हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि जब हम सीमा विवाद पर बातचीत करेंगे, तो हम दोनों इस बात पर सहमत होंगे कि हम बड़ी संख्या में हैं।” सैनिक की सीमा पर परमाणु नहीं होगा। और हमारे सामने कभी भी ऐसी स्थिति नहीं होगी जहां हिंसा और रक्तपात हो। उन्होंने कहा, ”अब दुर्भाग्य से, 2020 में सीमाएं तोड़ दी गईं, जिसका कारण अभी भी हमारे लिए स्पष्ट नहीं है। असल में सीमा पर हिंसा और रक्तपात हुआ।” जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई मौतों के बाद भारत और चीन के बीच संबंध बन गए थे।
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर कही ये बात
जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत की स्थिति यही बनी हुई है कि युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं निकल सकता है और भारत इस संघर्ष को खत्म करने का रास्ता तलाशना चाहता है। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत की स्थिति को लेकर पूछने पर एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि ”संघर्ष का कोई विजेता नहीं होता.” उन्होंने कहा, ”हमने शुरू से ही यह रुख अपनाया था कि युद्ध के मैदान में इस संघर्ष का समाधान संभव नहीं है। जयशंकर ने दक्षिणी इजराइल में फलस्टीनी अपराधी समूह द्वारा हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि सात अक्टूबर को जो हुआ था वह था।
सात अक्टूबर, 2023 को गाजा पट्टी से हमास ने ज़मीन, समुद्री और हवाई अड्डों पर इज़रायल पर हमला किया, जिसमें कम से कम 1,200 इज़रायली नागरिक मारे गए और 230 अन्य को बंधक बना लिया गया। इस हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर जवाबी कार्रवाई की। (भाषा)
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