विनेश फोगाट को इस सप्ताह की शुरुआत में 50 रेस फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में भाग लेने से वंचित कर दिया गया था। उनका वजन 100 ग्राम से भी ज्यादा था और उनके नस्लीय रूप से घोषित होने से भारत के खेल जगत में कई लोग हैरान रह गए। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी एक आधिकारिक बयान जारी कर इस घटना की पुष्टि की है और इसमें शामिल भारतीय मेहमानों को बधाई दी है। भारतीय एथलीट ने मांगे आवेदन और रजत पदक के खिलाफ मांगे आवेदन। मामला नोटिस कैस के पास है, जहां हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा है और यह फैसला ओलंपिक के खत्म होने से पहले आने की संभावना है।
डिस्कवालीफाई होती ही ली गई प्लेसमेंट
विनेश के निर्णायक घोषित होने के बाद, क्यूबा के दावेदार युस्नेलिस गुज़मैन की जीत में उनकी हार के बावजूद फाइनल में पहुंच गई। वह स्वर्ण पदक के लिए यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट से 3-0 से हार गईं और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इस बीच विनेश फोगाट ने कहा कि अगले ही दिन संत घोषित होने की घोषणा कर दी और कहा कि लगातार तीसरे ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद अब उन्हें कोई झटका नहीं लगेगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि रेसलिंग ने मैच जीत लिया, मैं हार गया…मेरा मैच टूट गया, अब मुझमें कोई ताकत नहीं है। आखिरी कुश्ती 2001-2024। मैं हमेशा आपका ऋणी रहूँगा।
विनेश को लेकर क्या है ‘प्रियतम का राय’
इसके अलावा, स्वर्ण पदक विजेता और छह बार के विश्व चैंपियन, अमेरिकी रेसलर जॉर्डन बरोज़ भी विनेश के समर्थन में आगे आए और उन्होंने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) से विनेश को रजत पदक दिलाने का आग्रह किया, साथ ही कम से कम फाइनल के लिए वजन में बदलाव करने को कहा। इसी बीच हमने विनेश फोगाट के केस पर अपनी राय दी। 11000 से अधिक लोगों ने पोल का जवाब दिया और उनमें से अधिकांश की राय थी कि विनेश को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग में निचले स्तर का नियुक्त किया गया था। इंडिया टीवी के कुल 69% स्ट्रेंथ ने हमारे पोल का जवाब ‘हां’ में दिया, जबकि 20% ने सोचा कि उन्हें सांप्रदायिक नहीं होना चाहिए। वहीं 11% शौकीनों ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया सही उदाहरण दिया।
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में ओलंपिक के तहत क्या घोषित किया गया है?
हाँ – 69% (7930 वोट)
नहीं – 20% (2265 वोट)
कह नहीं सकते – 11% (1180 वोट)
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