ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की आधिकारिक सीरीज में करारी हार का सामना करना पड़ा। 3 मैचों की लोकप्रिय सीरीज में भारतीय महिला टीम ने एक भी मुकाबला नहीं जीता। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम का 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया। पार्थ ने ऑस्ट्रेलिया में तीसरा फ़्लोरिडा मैच खेला और सबसे पहले नाबेल सदरलैंड के शतक में 6 विकेट लेकर 298 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में भारतीय टीम मंधाना ने 109 गेंदों में 14 चौकों और एक पारी में 105 रन के बावजूद 45.1 ओवर में 215 रन बनाए। इसके साथ ही टीम की चारित्रिक सीरीज में क्लीन डिजायन हो गया। इस करारी मोटो के बाद टीम इंडिया को एक और तगड़ा झटका लगा है।
असल में, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे फॉर्म में स्लो ओवर रेच के लिए मैच फीस का 10 प्रतिशत आंकलन किया है। आईसीसी मैच रेफरी डेविड गिल्बर्ट ने यह घटिया अनुमान लगाया क्योंकि हरमनप्रीत कौर की टीम निर्धारित समय में 2 ओवर से कम लक्ष्य हासिल कर पाई।
कैप्टन ने स्वीकार किया की गलती
ICC के बयान में कहा गया है कि भारत के कप्तान हरमनप्रीत कौर ने अपराध स्वीकार कर लिया है और प्रस्तावित जुर्माना भी स्वीकार कर लिया है, इसलिए न्यायिक समीक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है। फील्ड अंपायर क्लेयर पोलोसाक और डोनोवन कोच, स्टेडियम अंपायर जैकलीन विलियम्स और फोर्थ अंपायर डेविड टेलर ने ये आरोप लगाए थे। ICC आचार संहिता के निर्देश 2.22 के अनुसार, जो न्यूनतम ओवर-रेट अपराध से संबंधित है, खिलाड़ियों को उनके निर्धारित समय के अनुसार प्रत्येक ओवर के लिए मैच फीस का पांच प्रतिशत जुर्माना नहीं लगाया जाता है।
टीम इंडिया की लगातार 7वीं हार
ऐसा कहा जाता है कि ब्रिसबेन ने दूसरी बार भारतीय टीम को बहुत बड़ी हार झेलनी पड़ी थी। ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ अपना अब तक का सबसे बड़ा स्कोर 371/8 बनाया था। इसके जवाब में भारत सिर्फ 249 रन ही बना सका और 122 रन से हारकर सीरीज भी हार गया। तीसरा मैच हार्नेस के साथ ही टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में 7वें हार का मुंह देखना पड़ा।