ठाणे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन से इतर अपुलिया में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल माइकेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ वार्ता की। राष्ट्रपति भवन ने पीएम मोदी से मुलाकात से पहले यह जानकारी दी। पीएम मोदी को टीवी ही माइकं ने गले लगा लिया। इसके बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे से हालचाल पूछा। रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी-मैक्रों की यह पहली मुलाकात है। फ्रांस भारत का रणनीतिक साझेदार है। दोनों देशों की अपनी सार्वभौमिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में वार्ता की।
इसके बाद पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी बेहद संतोषजनक मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात के दौरान ऐसा माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने समानता और साझा हितों के मुद्दे पर चर्चा की। दोनों नेताओं की मुलाकात दक्षिणी इतालवी रिसॉर्ट शहर में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। सुनक और मोदी की पिछली मुलाकात पिछले साल सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में हुई थी, जब उन्होंने भारत के आम चुनाव से पहले मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता में तेजी से सहमति जताई थी।
अब व्यापार वार्ता हालांकि चार जुलाई को नई ब्रिटिश सरकार के सत्ता में आने के बाद ही फिर से शुरू होने की उम्मीद है। जनवरी 2022 में शुरू हुई भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता का उद्देश्य व्यापक व्यापार को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाना है। वहीं जेलेंस्की के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान को वार्ता की। प्रधानमंत्री ने बातचीत के जरिए यूक्रेन युद्ध का समाधान खोजने को प्रेरित किया। जी7 से अन्य इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ भी वह इंटरैक्टिव वार्ता करेंगे। मेलोनी के निमंत्रण पर ही पीएम मोदी इटली में जी-7 की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।
मोदी-मैक्रों वार्ता में क्या रहा मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल माइकेन से मुलाकात की और माना जा रहा है कि उन्होंने वैश्विक समानता और मजबूत करने के तरीकों पर तथा वैश्विक मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। दोनों नेताओं की मुलाकात इटली के दक्षिणी शहर में जी-7 शिखर सम्मेलन से हुई। इस महीने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद यह मोदी की पहली विदेश यात्रा है। दोनों नेताओं की पिछली मुलाकात जनवरी में हुई थी, जब फ्रांस के राष्ट्रपति भारत के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए थे। दोनों नेताओं ने अपनी पिछली बैठक के दौरान सहयोग और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के लिए अपने साझा दृष्टिकोण की पुष्टि की थी, जिसे ‘होराइजन 2047’ और जुलाई 2023 शिखर सम्मेलन के अन्य प्रारूपों में दर्शाया गया है। ‘होराइजन 2047’ रोडमैप भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 के लिए सार्वभौमिक प्रतिबद्धता के संदर्भ में प्रतिबद्ध और व्यापक कार्यक्रम निर्धारित करता है।
मोदी और जेलेंस्की में हुई ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बातचीत की। ऐसा समझा जाता है कि जेलेंस्की ने मोदी को रूस-यूक्रेन संघर्ष के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। मोदी ने पिछले साल मई में भी हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन से अन्य जेलेंस्की से मुलाकात की थी। भारत यह कह रहा है कि यूक्रेन में जारी संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के जरिए समझा जाना चाहिए।
इन नेताओं से भी मिलेंगे पीएम मोदी
जी7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और अमेरिकी राष्ट्रपति सहित कई विश्व नेताओं से मुलाकात करेंगे। इटली पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि हमारा लक्ष्य वैश्विक वार्ता का समाधान करना और उज्ज्वल भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में युद्ध और गाजा में संघर्ष के मुद्दों के छाये रहने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी ने समिति के लिए रवाना होने से पहले कहा था कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह पहले विदेश दौरे पर इटली जा रहे हैं।
मोदी ने कहा, ”बाहरी सत्र में चर्चा के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और कृत्रिम क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।” उन्होंने कहा, ”यह भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के बीच अधिक समन्वय लाने और ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा।”
भारत-इटली के सच्चे दोस्त
प्रधानमंत्री मोदी जी7 की बैठक से इतर इटली के प्रधानमंत्री मेलोनी के साथ भी बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ”पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो पहलों ने हमारे प्रयासों को गति और गहराई देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।” उन्होंने कहा, ”हम भारत-इटली साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत करने में सफल होंगे।” मीडिया में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता है। प्रधानमंत्री मोदी के शिखर सम्मेलन से अन्य कई बैठकें करने की संभावना है।