ऑस्ट्रेलियन सरजमीं पर डे-नाइट टेस्ट से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे मैच का कल यानि 6 दिसंबर से शुरू होने वाला है। पहले टेस्ट में बड़े अंतर से जीत के बाद टीम इंडिया 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 से आगे चल रही है। अब दूसरे टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया का पलटवार करना मुश्किल है। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस का इरादा न केवल दूसरे टेस्ट मैच पर कब्ज़ा करने का है, बल्कि वह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भी अपना नाम करना चाहते हैं। ये एक ऐसी ट्रॉफी है, जिसे वह कैप्टन कैप्टन अभी तक नहीं ढूंढ पाए हैं। पैट कमिंस ने अपने पसंदीदा खिलाड़ी वर्ल्ड कप, एशेज और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) में महारत हासिल की है लेकिन वह अभी तक बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का स्वाद चख नहीं पाए हैं।
यह जानने के बाद कि पैट्रिक कमिंस का टेस्ट डेब्यू साल 2011 में हुआ था, लेकिन भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के लिए आपको 6 साल का इंतजार करना पड़ा। उन्होंने भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच 2017 में खेला था। जुलाई 2023 में ऑस्ट्रेलिया की टीम भले ही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भारत को पछाड़ खिताब में सफल रही ऑस्ट्रेलिया 2014-15 के बाद से टीम इंडिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी।
आखिरी किला फतह करना लक्ष्य
इस बीच ऑस्ट्रेलिया के कैप्टन ने पूर्व संध्या पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की ख्वाहिश की तैयारी में दूसरा टेस्ट मैच खेला। कमिंस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के रेस्टॉरेंट रूम में मौजूद कई खिलाड़ियों ने अभी तक सीमा गावस्कर ट्रॉफी को मान्यता नहीं दी है। इस टीम के कई खिलाड़ियों के लिए फाइनल किला फतह करना है। पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने नाक का डटकर सामना करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है। इस सीरीज में भी टीम को ऐसा करने की जरूरत है।
बीजीटी बहुत ही कड़ी श्रृंखला
कमिंस एशेज की तुलना बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (बीजीटी) से नहीं करना चाहते लेकिन उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टीम के खिलाफ जंग में सबसे लोकप्रिय मुकाबला हासिल किया। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि यह सबसे करीबी मुकाबला है। उन्हें लगता है कि एशेज का समृद्ध इतिहास रहा है, लेकिन उन्हें लगता है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी एक बहुत ही कड़ी श्रृंखला बन रही है जैसा कि हाल के दिनों में देखा गया है।