दिल और दिमाग को अपनी खतरनाक कहानी से रेफ्रिजरेटर करने वाली यह फिल्म आपकी रातों की नींद महीने भर के लिए उड़ जाएगी। 2 घंटे 15 मिनट की ये फिल्म आपके लिए काफी आकर्षक है। शुरुआत से अंत तक इस साउथ के साइक साइकल्स ब्लेंड की कहानी में आपका दिमाग और मन ऐसी उलझन करेगा कि आप एक मिनट के लिए भी कुछ और सीट से नहीं उठेंगे। ये साइकोलॉजिक फिल्में बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों के सामने भी आती हैं। यह फिल्म आपको मजबूर कर देती है कि मैक्स के क्लिक के बाद यह क्या हो रहा है, देखिए आप दंग रह जाएंगे।
फिल्म की कहानी दिमाग कर्ज़ी फ़्रिज़
ब्रेन को हिलाने वाली इस साइकोलॉजिकल सेमेस्टर फिल्म का नाम ‘लूसिया’ है। ये फिल्म साल 2013 में सिनोमाघर्स में रिलीज हुई थी, लेकिन फ्लॉप रिलीज के बाद ये काफी बोल बाला हुआ। इस फिल्म की कहानी और किरदार ने लोगों के दिमाग से ऐसे खेला कि वो आगे क्या देखेगी ये सोच में लग गई। सस्पेंस और थीम से भरी फिल्म की कहानी निक्की के उलट- गिरफ़्तार घूमती है जो थिएटर में काम करती है। इसमें नींद न आने की बीमारी होती है, जिसके लिए उसके पास एक गोल खाता है। इसके बाद वो अपनी खूनी ख्वाब की दुनिया में खो जाता है।
कूट-कूटकर भरा हुआ है सैस्पेंस
फिल्म ‘लूसिया’ की कहानी देखिए आपके में हैं सिद्धार्थ निनासम, श्वेता, शंकरन्ना। इसके निदेशक पवन कुमार थे। ये फिल्म आपको डर का असली एहसास कराएगी। बता दें कि इस फिल्म का प्रीमियर 20 जुलाई 2013 को लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। इसे वर्ष 2013 में अकादमी पुरस्कार के लिए बेस्ट फॉरेन लैगवेज़ को शॉर्टलिस्ट किया गया था। इस कन्नड़ फिल्म का तमिल में भी रीमेक बनाया गया है।