16th IDSFFK Lifetime Achievement Award for Indian wildlife filmmaking pioneers Bedi brothers


बेदी बंधु हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी की कठोर सर्दियों में फिल्मांकन कर रहे हैं।

केरल अंतर्राष्ट्रीय वृत्तचित्र एवं लघु फिल्म महोत्सव (आईडीएसएफएफके) के 16वें संस्करण में वृत्तचित्र फिल्म निर्माता नरेश बेदी और राजेश बेदी (बेदी ब्रदर्स) को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जो भारतीय वन्यजीव फिल्म निर्माण में उनके अग्रणी कार्य के लिए जाने जाते हैं।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन 26 जुलाई को शाम 6 बजे कैराली थिएटर में महोत्सव के उद्घाटन समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे। पुरस्कार में 2 लाख रुपये, एक स्मृति चिन्ह और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है।

नरेश और राजेश बेदी ने अपने वृत्तचित्रों और तस्वीरों के माध्यम से भारत के जीवों की रहस्यमय सुंदरता को कैद करने के लिए चार दशकों से अधिक समय समर्पित किया है। उनके काम, जो कि शिक्षाप्रद और संरक्षण-केंद्रित फोकस की विशेषता है, ने भारत के प्राकृतिक इतिहास के बारे में लोगों की समझ को गहराई से प्रभावित किया है।

1969 में भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान से स्नातक नरेश बेदी ने हिंदी सिनेमा में अपना करियर त्याग दिया और अपने छोटे भाई राजेश के साथ मिलकर भारत में वन्यजीव फिल्म निर्माण के उस समय अज्ञात क्षेत्र में कदम रखा। गंगा घड़ियालहाथ से घुमाए जाने वाले कैमरे से फिल्माए गए इस वीडियो ने इस मायावी मगरमच्छ के पहले से अज्ञात व्यवहारगत लक्षणों को उजागर किया और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा अर्जित की, जिसमें 1984 में वाइल्डस्क्रीन में प्रतिष्ठित पांडा पुरस्कार भी शामिल है।

बाघों, हाथियों और अन्य वन्यजीवों पर उनके बाद के वृत्तचित्रों को प्रमुख टेलीविजन नेटवर्क पर वैश्विक स्तर पर दिखाया गया है। उल्लेखनीय कार्यों में शामिल हैं बाघ को बचाना और आदमखोर बाघदोनों को ही बाफ्टा नामांकन प्राप्त हुआ।

राजेश बेदी की फोटोग्राफी की क्षमता को भी समान रूप से सराहा गया है। उनकी पुस्तक इंडियन वाइल्डलाइफ़, जिसमें उनकी तस्वीरें शामिल हैं, 1987 में प्रकाशित हुई थी। नेशनल जियोग्राफ़िक में छपी उनकी तस्वीरें भारतीय डाक टिकटों की शोभा भी बढ़ा चुकी हैं। 1986 में, राजेश को यूनाइटेड किंगडम में वाइल्डलाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र ऑफ़ द ईयर नामित किया गया था।

अनेक पुरस्कार

उनके योगदान को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 2015 में पद्मश्री, वाइल्डलाइफ एशिया फिल्म फेस्टिवल में व्हेल पुरस्कार तथा सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज द्वारा पृथ्वी रत्न पुरस्कार शामिल हैं।

26 से 31 जुलाई तक कैराली, श्री, नीला थियेटरों में आयोजित होने वाले इस महोत्सव में बेदी ब्रदर्स की एक झलक दिखाई जाएगी। छाया का पीछा करना भाग 1 और 2, लद्दाख – निषिद्ध जंगल, साधु – मृत जंगली के साथ रहना, बेदी ब्रदर्स के साथ हॉट एयर बैलूनिंग का रोमांच, हिमालय का सम्राट, कॉर्बेट की विरासतऔर मिस्ट-रेड पांडा का करूब।



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By Naresh Kumawat

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