अपने करियर की पाइपलाइन पर होते हुए भी रफीक दीक्षित ने फिल्मी दुनिया से दूर जाने के बारे में अपने फैसले से हैरान कर दिया था। इस फैसले से उनके मित्र काफी निराश हो गए थे। एक्ट्रेस ने 1999 में यूएस बेस्ड डॉक्टर श्रीराम नेने से शादी की थी और इसके बाद बॉलीवुड को चकचौंध और ग्लैमर से दूर लाइफ पार्टनर के साथ पति के साथ कोलोराडो में शिफ्ट हो गईं। हालाँकि, इस बीच वह कभी-कभी कुछ फिल्मों में दिखाई देती हैं। लेकिन, उनके अचानक विदेशी चाल के फैसले से स्वामी काफी निराश हो गए। इसी दौरान रफीच के दो बेटे अरिन और रयान का जन्म हुआ और उनका पालन-पोषण हुआ। हालांकि, एक्ट्रेस ने 1 दशक से भी ज्यादा समय बाद 2011 में भारत वापसी का फैसला लिया और प्रेमियों को खुश कर दिया।
बॉलीवुड से दूर जाने पर क्या बोलीं राधाकृष्णन?
अब रफाच ने अपने फलते-फूलते ऋषियों को पीछे छोड़ते हुए अपने जजमेंट के बारे में फ्रैंक की बात कही और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें अपने इस जजमेंट का कभी अफसोस नहीं हुआ। गलाट्टा इंडिया से बात करते हुए रफाच हित ने इस पर फ्रैंक बात की। उन्होंने कहा- ‘मैं मेरे लिए बहुत खुश था, क्योंकि मेरे लिए कंटेंट में कोई खास बात नहीं कही गई थी। मैं जो करता हूं, मुझे पसंद है। मुझे अभिनय, नृत्य और मनोरंजन से जुड़ी हर चीज़ पसंद है। बाकी जो कुछ भी है वो बोनस है। जैसे लोग आपको स्टार मानते हैं। लेकिन, मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ। मेरे लिए ऐसा कभी नहीं था कि हे भगवान, मैं लोगों को दूर से देखता रहता हूं। मैं अपने करियर की पीक पर शादी कर रही हूं। मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा।’
शादी को लेकर बोली क्यां राधा
रफाची ने शादी के बारे में अपनी नजरियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा- ”मुझे लगा कि मैं जिस व्यक्ति से मिला हूं वो मेरे लिए सही है। यह वह आदमी है जिससे मैं शादी करना चाहती हूं और मैं इस लड़के से शादी करने जा रही हूं क्योंकि हर कोई अपने लिए सपना देख रहा है। मेरे लिए यह एक घर, एक पति, एक परिवार और बच्चों का होना जैसा था। मुझे बच्चे पसंद हैं। इसलिए, बच्चे का जन्म उस सपने का एक बड़ा हिस्सा था।”
मैं अपना सपना जी रही थी-राशिफ़ हित
यह पूछे जाने पर कि वह उन सार्स के दौरान बॉलीवुड में अपनी जिंदगी को मिस क्यों करती थीं, इस पर राधाकृष्णन ने कहा- ”जब लोग कहते हैं, ओह, आप इंडस्ट्री से दूर थे तो क्या आपने ये सब मिस नहीं किया? तो मैंने कहा हूं, ‘नहीं, मैं मिस नहीं करता क्योंकि मैं अपनी शंका जी रही थी।”