परमाणु पनडुब्बी: भारतीय ओशन रिजन (आईओआर) में चीन के बहुसंख्यक विभाजन को देखते हुए भारत ने पनडुब्बी ऋण क्षमता को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। भारत सरकार की सीसीएस यानी प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली मठ समिति ने दो स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियों को बनाने की अनुमति दे दी है। इससे भारतीय नौसेना की सामरिक और आक्रामक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इन पनडुब्बियों के बनने से नौसेना की सेनाएं हिंद महासागर क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में अधिक बढ़ेंगी। इससे इस बात के संकेत भी मिले हैं कि भारत ने पनडुब्बियों की जगह तीसरे एयरक्राफ्ट कैरियर वॉरशिप को प्राथमिकता दी है।
समन्दर में बढ़िया है चीन की
पनडुब्बियों को विशाखापट्टनम के जहाज निर्माण केंद्र में बनाया जाएगा। पनदुब्बियाँ 95 प्रतिशत तक स्वदेशी उद्देश्य। ये पनदुब्बियां अरिहंत क्लास से अलग उद्देश्य। इसके तहत प्रोजेक्ट एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल का निर्माण किया जाएगा। भारत की ओर से यह कदम तब उठाया गया है जब भारतीय ओशन रीजन में हर महीने 7-8 चीनी नौसैनिक युद्धपोत और 3-4 अर्धसैनिक जहाज देखे जा सकते हैं और भविष्य में नौसेना की संख्या और बढ़ने की संभावना है। ओबैला, चीनी पर्यवेक्षण जहाज ‘जियांग यांग होंग 3’ चेन्नई तट के पास और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकर ‘युआन वांग 7’ मोरीशस तट के पास देखे गए हैं।
परमाणु पनडुब्बी
विभिन्न भारतीय नौसेना की सेनाएँ
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गहन पहचान के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े लोगों ने विशेष रूप से दक्षिणी हिंद महासागर में पीआईएल के क्षेत्र पर रोक लगा दी है और उसकी निगरानी के लिए परमाणु पनडुब्बी को चुना है। अभी दो पनडुब्बियां बनेंगी, इसके बाद चार और बन सकती हैं। जबकि, भारत ने हाल ही में अपनी दूसरी एसएसबीएन यानी परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात कमीशन की है। अगले साल भर में भारतीय नौसेना में अलग-अलग तरह के कई जहाज़ और सबमरीन मिलने वाले थे। इनमें जंगी जहाज़ों में फ़्रिगेट्स, कॉर्वेट्स, डेस्ट्रोअर्स, सबमरीन और सर्वे वेसल शामिल हैं। नौसेना में शामिल से भारतीय महासागर रीजन में सुरक्षा का स्तर बढ़ना शामिल है।
क्यों है डॉक्टर सबमरीन की जरूरत
फिलेक्टर पावर्ड स्ट्राइक सबमरीन लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकता है। चीन के पास पहले से ही 6 शांग क्लास के स्कूटर सबमरीन हैं। भारत के लिए रूस से अकुला क्लास की फ़ीचर सबमरीन 2028 तक जारी है। इंडियन ओशन रिजन में रिचार्ज बढ़ाने के लिए नेवी को इन सबमरीन की जरूरत है। यह भी जरूरी है कि डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन को दिन में कम से कम एक बार बैटरी चार्ज करने के लिए पानी की सतह पर लाया जाए। इसी दौरान डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन पर हमला किया जा सकता था। इसके अलावा, रेलवे, हवाई अड्डे पर साम्बामेरिन हवाई हमले के लिए असुरक्षित हैं। एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन से लेजर डीजल सबमरीन लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है, लेकिन इन सबमरीन में जहाज पर मौजूद रहने के साथ-साथ गति से भी समझौता करना पड़ता है।
भारत परमाणु पनडुब्बी
दुनिया का छठा प्लास्टिक त्रयद देश भारत बना
अरिहंत एक ही समुद्र के अंदर मिसाइल हमला करने में सक्षम है, जिस तरह अरिहंत ने 14 अक्टूबर 2022 को परीक्षण किया था। तब अरिहंत से K-15 SLBM का सफल परीक्षण किया गया था। इसी के साथ भारत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के अलावा दुनिया का छठा धार्मिक त्रय देश बन गया था।
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