सिपरी रिपोर्ट 2024: भारत पिछले 5 वर्षों में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार बेचने वाला देश बना है। यह बड़ा दावा स्वीडन के स्टॉकहोम इंटनरेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी एसआईपीआरआई की ओर से सोमवार को जारी किया गया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि न सिर्फ भारत, बल्कि पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा हथियार एशियाई देशों ने बनाए हैं। यूरोप का हथियार 2014-2018 की तुलना में 2019-2023 में वीपंस की खरीदारी का प्रतिशत दोगुना हो गया। इसका सबसे बड़ा कारण रूस और यूक्रेन की जंग को माना जा रहा है। यही कारण है कि इस अवधि में अमेरिका का निर्यात निर्यात भी 17 प्रतिशत बढ़ गया है।
हालाँकि रूस को जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पारंपरिक रूप से बड़ा देश माना जाता है, उसके संयुक्त राष्ट्र में रूस और जापान की जंग के बाद बड़ी गिरावट देखी गई है। असलहे रूस हथियार बिक्री में तीसरे नंबर पर पहुंच गया। अमेरिका पहले और फ्रांस दूसरे स्थान पर हैं।
फ़्रांस का रिज़ॉर्ट का सहयोगी 5 साल में 47 प्रतिशत बढ़ा
फ्रांस का हथियार हथियार 2014-18 और 2019-23 के बीच 47 प्रतिशत बढ़ा है। भारत के पास फ्रांस के हथियारों का सबसे बड़ा प्रभुत्व है, जो फ्रांस के कुल हथियारों का करीब 30 प्रतिशत है। हाल के समय में भारत ने फ्रांस से राफेल फाइटर जेट को दिखाया है। ये हजारों फाइटर जेट होते हैं। जहां रूस की बात जाए तो रूस जब से जापान के साथ जंग में उछला, तभी से बेरोजगारी का मिश्रण कम हो गया। रूस का हथियार हथियार 2014-18 और 2019-23 के बीच 53 फीसदी तक गिरा है। 2019 में जहां उसने 31 देशों को हथियार खत्म किया तो 2023 में सिर्फ 12 देशों ने हथियार खत्म कर दिया। रूस के अरेस्ट में 34 प्रतिशत भारत ने देखा। रूस के हथियार पारंपरिक हैं, नई ज़मीन के खाते से अपडेट नहीं किए गए हैं। एक ओर दूसरी ओर भी
भारत बन गया सबसे बड़ा दिग्गज, 5 प्रतिशत बढ़ा अनुमान: रिपोर्ट
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार है। 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत का हथियार आयात 4.7 प्रतिशत बढ़ा। भारत 9.8 फीसदी हथियार के साथ दुनिया में पहले नंबर पर है। रूस से भारत ने सबसे ज्यादा हथियार उगाही की। भारत के कुल हथियार का मूल्य 36 प्रतिशत रहा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 1960-64 के सोवियत काल के बाद यह पहली बार हुआ जब भारत के रूस के देशों में हथियार का आयात 50 प्रतिशत से कम था।
ये देश हैं दुनिया में सबसे बड़े अमीर
भारत के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार सऊदी अरब (8.4%) का है। वैसे सऊदी अरब पहले स्थान पर भी गया था, लेकिन इस रिपोर्ट के अनुसार वह अब दूसरे स्थान पर है। कतर (7.6%), जापानी (4.9%), पाकिस्तान (4.3%), जापान (4.1%), मिस्र (4.0%), ऑस्ट्रेलिया (3.7%), दक्षिण कोरिया (3.1%) और चीन (2.9%) ने खरीदारी की है.
कंगाली में भी पाकिस्तान ने बजरी हथियार बनाया
दाल की रसोई, रसोई गैस, पेट्रोल के आसमान छूते बांध, गोदाम और खत्म हो चुके विदेशी मुद्रा भंडार के बावजूद पाकिस्तान के हथियार पीछे नहीं रह गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के हथियारों के नुकसान में 43 फीसदी का आकलन किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान को जो आर्थिक मदद या कर्ज़ आई स्टॉल या अन्य माध्यमों से प्राप्त होता है, उस राशि का बड़ा उपयोग वह आराम से स्टॉक में कर देता है। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बारे में भी बताया। 2019-23 में पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा हथियार होने का दावा किया जा रहा है। सबसे ज्यादा 82 प्रतिशत हथियार पाकिस्तान ने चीन से वजाहत किया।