: भारत ने मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब और इथियोपिया के ब्रिक्स समूहों में शामिल होने का स्वागत किया है। इन देशों के नेताओं ने रूस की ओर से ब्रिक्स की एक महत्वपूर्ण बैठक में पहली बार हिस्सा लिया। भारत के वरिष्ठ राजनयिक दम्मू रवि ने पश्चिमी रूस के निजी नोवगोरोड में ब्रिक्स समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का नेतृत्व करते हुए भारतीय सम्मेलन का आयोजन किया।
‘नए सदस्यों का स्वागत’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”विस्तारित ब्रिक्स समूह के परिवार के प्रारूप में एक महत्वपूर्ण बैठक।” भारत नए सदस्यों का तहे दिल से स्वागत करता है।”
रूस नहीं जा सका एस जयशंकर
सोमवार को हुई बैठक, 2023 में ब्रिक्स के विस्तार के बाद पहली मंत्रिस्तरीय बैठक थी। मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स समूहों के पूर्ण सदस्य बन गए हैं। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका पहले से इसके सदस्य हैं। आमतौर पर विदेश मंत्री ऐसी सेवाओं में भाग लेते हैं। चूंकि एस जयशंकर को रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सोमवार को ही विदेश मंत्री के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था, इसलिए वह बैठक में भाग लेने के लिए रूस नहीं जा सके।
ब्रिक्स क्या है
रूस ने एक जनवरी, 2024 को ब्रिक्स की एक साल की अध्यक्षता की थी। ब्रिक्स दुनिया की पांच अग्रणी उभरती कंपनियां- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है। (भाषा)
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