संयुक्त राष्ट्र: भारत ने फलस्तीनी मुद्दे के सुखद समाधान के लिए अपने ऐतिहासिक और सतत प्रयास की फिर पुष्टि की तथा वार्ता के माध्यम से ”द्वितीय-राष्ट्र समाधान” का समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत एवं उप स्थायी प्रतिनिधि आर.रविन्द्र ने शुक्रवार को फलस्तीनी हिंसा के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के एक सम्मेलन में यह बयान दिया। उन्होंने कहा, ”भारत ने सदैव बातचीत के माध्यम से द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है, जिससे एक संप्रभु, स्वतंत्र और सक्षम फलस्तीन देश की स्थापना हो सके।”
इस बात को लेकर की निंदा
फलस्तीनी मुद्दे के सुखद समाधान के लिए नई दिल्ली की ऐतिहासिक और सतत् कोशिश की फिर से पुष्टि करते हुए उन्होंने फलस्तीनी मुद्दे के सुखद समाधान के लिए नई दिल्ली की ऐतिहासिक और सतत् कोशिश की। उन्होंने कहा कि भारत ने गाजा में जारी इजरायल-हमास संघर्ष पर पुरातनपंथी विचारधारा को अपनाया है और नागरिकों, नैतिक महिलाओं और बच्चों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कड़ी निंदा की है।
भारत उपलब्ध करवा रहा है दवाइयां
रवींद्र ने कहा कि मुश्किलों को कम करने में यूं ही भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत फलस्तीन के लोगों के लिए एक सुखद अनुभव रहा है। उन्होंने कहा कि भारत फलस्तीन के 50 छात्रों को भारत के विभिन्न अकादमी पुस्तकों में स्नातक, वाणिज्य और डॉक्टरेट की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में कई खूबसूरत फिल्में हैं जिन पर उन्हें विशेष दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
क्या बोले संयुक्त राष्ट्र महासचिव
आर.रवीन्द्र ने कहा, ”फलस्तीनी अधिकार की ओर से भी जीवन रक्षक दवाओं का अनुरोध किया गया है, जिस पर हम सक्रियता से विचार कर रहे हैं।” रवीन्द्र ने कहा, ”हम फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता की निरंतर कोशिश कर रहे हैं।” संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुट्टेरेस ने गाजा में तत्काल संघर्ष विराम लागू किया है और वहां बंधक बनाए गए सभी लोगों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का प्रस्ताव किया है। (भाषा)
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