संयुक्त राष्ट्र संघ का लक्ष्य कुछ समय से लगातार उपभोग्य है। कारण उनका प्रभावशाली न होना और उनमें बदलाव न होना। ये संस्था द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अब तक जस की तस है। खैर ही पूरी दुनिया में इतने प्राचीन स्थान क्यों नहीं बदले गए। भारत समेत विभिन्न देश यूएन के यूक्रेन में संशोधन की मांग कर रहे हैं। दुनिया के विभिन्न देशों ने सुरक्षा परिषद में भारत को सीट देने का कई बार समर्थन किया है। ऐसे समय में दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क भी भारत के समर्थक बन गए हैं।
भारत को स्थायी सीट नहीं मिली
ट्विटर, शतरंज जैसी कई अन्य दिग्गज कंपनियों के प्रमुख एलन मस्क ने यूएन में संशोधन करने की बात कही है। मस्क ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के संविधान में कुछ बिंदु संशोधन की आवश्यकता है। पृथ्वी पर सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होने के बावजूद भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट नहीं मिलती है। मस्क ने कहा कि अफ्रीका को भी सामूहिक रूप से एक प्रतिष्ठित सीट मिलनी चाहिए।
20वीं सदी का नजरिया 21वीं सदी में नहीं बदलता-मोदी
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार यूएन में संशोधन की मांग कर चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि 20वीं सदी के मध्य का दृष्टिकोण 21वीं सदी में दुनिया की सेवा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा था कि अब विश्वव्यापी समर्थकों को कमजोर वास्तविकताओं पर जोर देना चाहिए और अपने मंचों का विस्तार करना चाहिए। इसके साथ ही जो लोग बोलते हैं उनका प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित करना चाहिए।
चीन लगा रहा अड़ंगा?
भारत सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्यों के लिए ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के साथ आने की कोशिश की जा रही है। चीन सभी देशों को ठीक करने के लिए समय-समय पर भारत को स्थायी सदस्य बनाने के लिए समर्थन देता रहता है। हालाँकि, फ्रेंचाइज़ का मानना है कि चीन संयुक्त राष्ट्र में एशिया की तरफ से अकेले ही एक बड़ी आवाज़ चाहता है।
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