भारत और अमेरिका के हथियारों से अब थर-थर कांपेगी दुनिया, रक्षा उत्पादन में दोनों देश बनेगें “वर्ल्ड सुपर पॉवर”


छवि स्रोत : एपी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन।

वाशिंगटन: वाशिंगटन में भारत और अमेरिका के बीच बड़ी रक्षा डील हुई है। वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अमेरिकी कंपनी ने नई दिल्ली से हाथ मिलाया है। अमेरिका के प्रमुख रक्षा उत्पाद निर्माता भारत में “मेक इन इंडिया” के तहत सौर उत्पादों का उत्पादन किया जा रहा है। भारत और अमेरिका की ओर से संयुक्त रूप से बनाए गए ये हथियार अब आने वाले समय में पूरी दुनिया पर राज करेंगे। यानि पूरी दुनिया अब भारत में बनेगी हथियार खरीदेगी। यह भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है, जो भारत और अमेरिका के रक्षा उत्पादन में दुनिया की सुपर पावर बनी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन लक्ष्यों के तहत अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (साओसी) जेक सुलिवान से मुलाकात कर भारत और अमेरिका के मित्र देशों के अहम मुद्दों पर अपना नजरिया साझा किया। इससे एक दिन पहले ही भारत और अमेरिका ने अपनी वैश्विक चैंपियनशिप को और मजबूत करने के लिए दो प्रमुख निवेशकों पर हस्ताक्षर किए थे। सिंह दोनों देशों के बीच व्यापक वैश्विक साझेदारी में शामिल हैं और यहां अमेरिका की यात्रा के लिए मजबूत हो रहे हैं। सिंह ने शुक्रवार को अपनी मीटिंग के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ”अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मिलकर और खास हित के अहम मामलों पर नजरिया साझा करके खुशी हुई।”

भारत में अमेरिकी रक्षा उद्यमियों के लिए उत्पाद तैयार करना

उन्होंने प्रमुख अमेरिकी रक्षा एजेंसियों और निर्माताओं के साथ भी ”सार्थक” बातचीत की और उन्हें भारतीय सहयोगियों के साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया ताकि ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में तेजी लाई जा सके। सिंह ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ”यूएसआईएस स्टाफ (भारत अमेरिका अधिकृत मंच) द्वारा रक्षा उद्योग में गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें अमेरिकी सहयोगियों के साथ सार्थक बातचीत हुई। उन्हें भारतीय सहयोगियों के साथ काम करने के लिए आमंत्रित किया गया ताकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में हमारे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में तेजी लाई जा सके। ”भारतीय और अमेरिकी कलाकारों के साथ मिलकर दुनिया के लिए सह-विकास और सह-निर्माता स्कोर।”

2047 में विकसित भारत का लक्ष्य पूरा होगा

यूएस आईएसआईएस ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”यूएस आईएसआईएस के बोर्ड के सदस्यों और रक्षा उद्योग के नेताओं के साथ एक गोलमेज सम्मेलन में रक्षा मंत्री ने अमेरिका-भारत रक्षा अभिग्रहण, संभावित वृद्धि और इस बात पर चर्चा की कि रक्षा क्षेत्र और अमेरिकी कंपनियों के बारे में क्या कहा जाए। ”भारत की विकास गाथा और 2047 के लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभाएंगे।” इसमें कहा गया है कि सिंह ने ”रक्षा के माध्यम से साझेदारी और रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।” अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुकेश अघी ने कहा कि सिंह ने ”रक्षा और साझेदारी के विकास पर बात की, जिसमें निजी क्षेत्र अब साइबर, डूब, स्मारक, अंतरिक्ष और क्वांटम जैसी महत्वपूर्ण और उभरती हुई विशेषज्ञता के नए क्षेत्र शामिल हैं। गहन रक्षा प्रतिष्ठान स्थापित करने में अहम भूमिका निभाती है।”

सिंह ने एक दिन पहले शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से दोनों देशों के बीच समेकित रक्षा सहयोग सहयोग की समीक्षा की। सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”मेरे प्रिय मित्र अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ शानदार बैठक हुई। हमारे समूह रक्षा सहयोग एसोसिएशन की समीक्षा की और इसे प्रागाढ़ बनाने के लिए चर्चा की। आपूर्ति सुरक्षा व्यवस्था पर हस्ताक्षर और प्रमुख अमेरिकी कमांड में भारतीय अधिकारियों के उपकरणों के लिए समग्र ऐतिहासिक घटनाएं हैं। (भाषा)

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By Naresh Kumawat

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