नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के स्वदेशी ‘स्टील्थ फ्रिगेट’ आईएसएस शिवालिक जापान-भारत समुद्री अभ्यास के आठवें संस्करण में भाग लेने के लिए योकोसुका पहुंचा है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। नौसेना के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ”पिछले कुछ वर्षों में यह ‘समुद्री अभ्यास’ नौसेना के बारे में सीखने का एक अवसर प्रदान करता है।” यह आपसी सहयोग को बढ़ावा देने और हिंद-प्रशांत में समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी सजगता को भी दर्शाता है।
INS शिवालिक का स्वागत किया गया
अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास के पांचवें संस्करण में भाग लेने के लिए आईएसआई शिवालिक जापान के योकोसुका तक पहुंचा। यहां वाइस एडमिरल इतो हिरोशी, कमांडर जेएमएस डि योकोसुका जिला और जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने शिवालिक का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अभ्यास में बंदरगाह और समुद्री तट चरण शामिल हैं। स्टील्थ फ्रिगेट उस अत्याधुनिक युद्धक पोट को कहते हैं जो तेज गति से चलता है और इसकी गतिविधियों को रडार द्वारा पकड़ना अक्सर कठिन होता है।
आईएनएस शिवालिक की खुबियां
शिवालिक श्रेणी का यह युद्ध की खबर का सामना करने में सक्षम है। इसमें विभिन्न प्रकार की आधुनिकतम तकनीकें हैं। यह हवा, सतह और सतह के नीचे निगरानी करने वाले उपकरण से लैस है। आईआईएस शिवालिक करीब 143 मीटर लंबा है और 250 नौसेनाओं को साथ ले जाने की क्षमता रखता है। यह पोत 29 समुद्री मील प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता है। आईपीएस शिवालिक कल्ब और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस है। इस श्रेणी के अन्य प्रकार ‘आईआईएस सतपुड़ा’ और ‘आईआईएस सहयाद्री’ हैं।
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