फ्लोर टेस्ट से पहले हो गया खेला! जानें किसने कहा ‘भारत के साथ संबंध रखे बिना प्रगति नहीं कर सकता नेपाल’


छवि स्रोत : REUTERS
केपी शर्मा ओली

काठमांडू: नेपाल की सीपीआईएन-यू प्रकाशित पार्टी ने गुरुवार को कहा कि चारों तरफ से जमीन से ग्रसित हिमालयी राष्ट्र भारत के साथ सौहार्दपूर्ण मित्रतापूर्ण संबंध कायम रखते हुए ही आर्थिक समृद्धि प्राप्त कर सकता है। सीपीआईएन-यू प्रकाशित पार्टी ने कहा कि नेपाली धरती से भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि को इजाजत नहीं दी जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नेतृत्व वाली पार्टी के एक वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी संसद में विश्वास की पूर्व पीढ़ी पर है। ऐसा माना जा रहा है कि विश्वास के बाद ओली राजनीतिक रूप से अस्थिर देश के एक बार फिर प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

नई ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं नेपाल-भारत संबंध

विदेश मामलों के विभाग प्रमुख और सीपीआईएन-यू स्थायी समिति के सदस्य डॉ राजन भट्टाराई ने एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”सीपीआईएन-यू स्थायी यह स्वीकार्य नहीं है कि भारत विरोधी नीति अपनाकर नेपाल की प्रगति कर सकता है या नेपाली लोगों के हितों को बढ़ावा दिया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष ओली 21वीं सदी की आवश्यकता के अनुरूप नेपाल-भारत संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं।

बातचीत करके समाधान पाया जा सकता है

भट्टाराई ने कहा, ”हमारा मानना ​​है कि हम भारत के साथ पूर्ण मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के साथ ही अधिक विदेशी निवेश आकर्षित कर सकते हैं, व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं और आर्थिक समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, ”हम भारत को एक महत्वपूर्ण पड़ोसी मानते हैं और हम अपनी धरती से भारत के खिलाफ किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देंगे।” उन्होंने कहा, ”एक पड़ोसी का पक्ष लेकर दूसरे पड़ोसी के खिलाफ किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देने का हमारी पार्टी का स्पष्ट दृष्टिकोण है।” उन्होंने कहा, ”हम मिल-बैठकर और मैत्रीपूर्ण तरीके से बातचीत करके अपनी सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।”

यह देखना दिलचस्प होगा

वर्ष 2020 में कथामांडू द्वारा एक नया राजनीतिक मानचित्र प्रकाशित किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव आ गया था। इस नक्शे में तीन भारतीय क्षेत्रों- लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल के भाग के रूप में दिखाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री ओली ने बढ़ते घरेलू दबाव को रोकने और अपने नेतृत्व को चुनौती से बचाने के लिए इस मुद्दे का उपयोग करने का प्रयास किया था। ओली अपने चीन समर्थक रुखान के लिए जाने जाते हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि शुक्रवार को सदन में शक्ति परीक्षण के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ”प्रचंड” को अपदस्थ करने के बाद यदि वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो दोनों पड़ोसियों के साथ किस तरह समान संबंध बनाए हुए हैं। (भाषा)

यह भी पढ़ें:

भुखमरी से जीते रहे पाकिस्तान में इस महिला ने रच दिया इतिहास, हासिल किया इतना बड़ा मुकाम कि…

लंदन में बीबीसी स्पोर्ट्स कमेंटेटर के घर ट्रिपल मर्डर, तीर-धनुष से हुई महिलाओं की हत्या; पुलिस ने कहा…

नवीनतम विश्व समाचार





Source link

By Naresh Kumawat

Hiii My Name Naresh Kumawat I am a blog writer and excel knowledge and product review post Thanks Naresh Kumawat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *