खेल जगत में शीर्ष 10: भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में 8 अगस्त का दिन काफी शानदार रहा जिसमें 2 मेडल जीतकर सफलता हासिल की। भारतीय हॉकी टीम ने पहले स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मैच में बेहतरीन खेल दिखाते हुए इस स्कोर को 2-1 से अपने नाम किया। ओलंपिक के इतिहास में भारतीय हॉकी टीम का ये 13वां पदक है। वहीं जैवलीन थ्रो के फाइनल में नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर का थ्रो करके सिल्वर मेडल अपने नाम किया। नीरज ने मेडल इवेंट में कुल 6 बार भाला बाजी मारी लेकिन इसमें 5 फाउल हो गए।
नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल का खिताब अपने नाम किया
जैवलिन थ्रो के फाइनल में भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा सिल्वर मेडल में फाइनल में पहुंचे। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 89.45 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंक दिया और इस तरह वह दूसरे स्थान पर रहे। इस सिल्वर मेडल के साथ नीरज चोपड़ा भारत के पहले एथलीट बने थे। ओलंपिक में ट्रैक-एंड-फील्ड इवेंट में 2 ओलंपिक मेडल जीते हैं। पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद रिवरम ने इस इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। नदी पर 92.97 मीटर का थ्रो गिरा।
सिल्वर मेडल के बाद नीरज चोपड़ा ने अपनी इंजरी को लेकर दिया बयान
नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीतने के बाद अपने बयान में कहा कि जब भी वह थ्रो करने के लिए दौड़ शुरू कर रहे थे तो उनका 60 से 70 प्रतिशत ध्यान इंजरी पर था। नीरज ने इस बात को भी स्वीकार किया कि मेडल इवेंट में उनकी दौड़ सही नहीं थी और स्पीड भी हल्की थी। नीरज ने आगे कहा कि मैंने जो भी किया है वह इस समस्या से जूझ रहा है। मेरे पास सर्जरी का समय नहीं था इसलिए मैं खुद को लगातार आगे बढ़ाता रहा।
नीरज की मां ने कहा कि उनके लिए ये सिल्वर गोल्ड से कम नहीं है
नीरज की मां ने अपने बेटे के सिल्वर मेडल जीतने के बाद अपने बयान में कहा कि हम सभी काफी खुश हैं, हमारे लिए सिल्वर भी गोल्ड से कम नहीं है। वह उपदेश था लेकिन हम उसके प्रदर्शन से काफी खुश हैं। वहीं नीरज चोपड़ा के पिता आशुतोष कुमार ने अपने बेटों के सिल्वर मेडल मेडल पर कहा था कि आज हम सभी का कोई ना कोई दिन होता है लेकिन हम सिल्वर मेडल के साथ भी खुश हैं और ये हम सभी के लिए एक गर्व का पल है। ।। उन्होंने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता है और इस युवा पीढ़ी के लिए भी एक प्रेरणा का काम करना चाहते हैं।
भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता
ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने कैमल पेरिस का प्रदर्शन किया और ब्रॉन्ज मेडल के साथ अपना सफर खत्म किया। भारत ने स्पेन के खिलाफ यह मैच 2-1 से अंतर से जीत लिया। हॉकी में टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल के साथ ही एक बड़ा कारनामा किया। टीम इंडिया ने 52 साल बाद एक खास पल का अनुभव किया। आखिरी ओलंपिक बार 1972 वो पल था। जब भारत ने लगातार दो ओलिंपिक में कोई पदक नहीं जीता था। भारत ने 1968 में ओलिंपिक में और 1972 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद अब एरियल इंडिया ने लगातार दो ओलिंपिक मेडल अपने नाम किए हैं।
भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ ही हॉकी को आखिरी कहा दिया। ब्रॉन्ज मेडल के विजेता के बाद भारतीय हॉकी ने श्रीजेश के सम्मान में झुककर सलाम किया। केरल के एर्नाकुलम में जन्मे पीआर श्रीजेश ने 2006 में साउथ एशियन गेम्स में भारत के लिए डेब्यू किया था और तब से ही वह भारतीय गोल पोस्ट की मजबूत दीवार बने थे। श्रीजेश ने अपने पूरे करियर में 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले और 2 बार एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक के साथ भारतीय टीम को जीत दिलाई।
हरमनप्रीत सिंह ने प्रियतम से हॉकी को समर्थन देने की अपील की
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद एक खास अपील भी की। उन्होंने अपने दिए गए बयान में कहा कि मैं सभी से निवेदन करता हूं कि कृपया हॉकी को अधिक से अधिक सहयोग करें। मैं हर भारतीय से वादा करता हूं कि हम कड़ी मेहनत करेंगे और अगले ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हम लगातार दो ओलंपिक मेडल में फाइनल रहे हैं जो बताता है कि भारतीय हॉकी खिलाड़ी कर रहे हैं। हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं। यह देश के लिए और हमारे लिए बड़ी बात है। हमारा सपना गोल्ड जीतने का था और सभी को भरोसा था कि हम जीतेंगे। मैं माफ़ी माँगना चाहता हूँ क्योंकि हम मामूली अंतर से असफल हो गए लेकिन यह पदक भी हमारे लिए कुछ है।
पीआर श्रीजेश को भारतीय जूनियर हॉकी टीम का मुख्य कोच बनाया गया
पीआर श्रीजेश की गिनती भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ियों में होती है। पेरिस ओलंपिक में टीम के ब्रॉन्ज मेडल विजेता के साथ पीआर श्रीजेश ने हॉकी को हमेशा के लिए कहा दिया। वहीं हॉकी इंडिया की तरफ से अब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी दी गई है जिसमें उन्हें भारतीय जूनियर हॉकी टीम का नया हेड कोच बनाया गया है।
पेरिस ओलंपिक में हॉकी में हरमनप्रीत सिंह ने दागे सबसे ज्यादा गोल
हॉकी में पेरिस ओलंपिक में भले ही भारतीय टीम को ब्रॉन्ज मेडल के साथ संतोष करना पड़ा लेकिन भारतीय टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह जरूर कमाल करने में सफल रहे। वह इस ओलंपिक में सबसे ज्यादा गोल दागने वाली खिलाड़ी रह रही हैं। हरमनप्रीत सिंह ने कुल 10 गोल किए, जिसमें उन्होंने जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन, अर्जेंटीना और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मैचों में एक-एक गोल किया, वहीं, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और स्पेन के खिलाफ अपने दो-दो गोल निकाले।
अमन सहरावत से कुश्ती में आज ब्रॉन्ज़ की उम्मीद
भारत के स्टार रेसलर अमन सहरावत को 57 किलों भारवर्ग के शोरूम में जापान के रेसलर से हार का सामना करना पड़ा। हालाँकि ओलंपिक 2024 में उनकी यात्रा अभी ख़त्म नहीं हुई है। वह अब प्यूर्टो रिको के रेसलर के खिलाफ आज ब्रॉन्ज मेडल मैच में उतरेंगे। यदि अमान जीत हासिल करने में सफल होते हैं तो पेरिस ओलंपिक में कुश्ती में भारत का पदक भी खुल जाएगा।
विनेश फोगाट की अपील आज आने वाले बांस के फैसले पर
भारतीय महिला रेसलर एथलीट विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 इंच फ्रीस्टाइल गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले तय वजन सीमा से 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से उन्हें अंतिम नियम दिया था। विनेश फोगाट ने इस जजमेंट को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) की अपील की थी कि उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल दिया जाए जिस पर जैस्मस ने अपनी अपील स्वीकार कर ली थी। अब इसपर आज उनकी तरफ से फैसला दिया गया है।