सियोल: दक्षिण कोरिया की मुख्य रिपब्लिकन पार्टी ने देश के राष्ट्रपति के खिलाफ महाधिवेशन का प्रस्ताव पेश किया। यह महाभियोग प्रस्ताव संवैधानिक न्यायालय के तीन रिक्त पदों पर उनकी अनिच्छा का कारण लाया गया है। राष्ट्रपति यून सुक येओल के विद्रोह के खिलाफ महाभियोग का सामना करते हुए कोर्ट ने पहले ही समीक्षा की कि राष्ट्रपति के खिलाफ यह प्रस्ताव रखा गया है। तीन दिसंबर को जर्नलिस्ट ‘मार्शल लॉ’ के आदेश के कारण यूएन के महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया गया था।
उदारवादी ऑर्केस्ट्रा वाली पार्टियों के बीच बढ़ते विवाद के कारण कोर्ट में नियुक्तियां रुकी हुई हैं। वर्तमान कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर और कट्टरपंथियों के समर्थक रहे प्रधानमंत्री हान डक-सू के महाभियोग से राजनीतिक गतिरोध गहरा हो सकता है। संवैधानिक न्यायालय द्वारा नियंत्रित ‘राष्ट्रीय असेंबली’ द्वारा संवैधानिक न्यायालय के लिए तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति का भी प्रस्ताव रखा गया है। विचार-विमर्श पर विचार-विमर्श शुरू करने या बहाल करने की तैयारी चल रही है।
युन को पद से हटा दिया गया बाकी
‘राष्ट्रीय असेंबली’ के अध्यक्ष वू वोन शिक ने हान से जजों की जल्दबाज़ी करने का आग्रह किया था। यून की पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के अधिकांश सदस्यों ने ‘राष्ट्रीय असेंबली’ के मतदान को बहिष्कृत कर दिया था। सदस्यों का तर्क यह था कि उन्हें राष्ट्रपति के अधिकार के लिए प्रस्तावित न्यायाधीशों के प्रस्तावों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जबकि संयुक्त राष्ट्र को अभी भी पद से हटा दिया गया है। (पी)