भारत और ऑस्ट्रेलिया का बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के 3 टेस्ट मैच के बाद अब बॉक्सिंग टेस्ट का आमना-सामना होगा। इस मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में बड़ा बदलाव किया। ऑस्ट्रेलिया के नाथन मैकस्विनी की जगह 19 साल के सैम कॉन्स्टास पहली बार अपनी टीम में शामिल हुए हैं। टीम में जगह पाने के बाद अब ये खिलाड़ी भारत के खिलाफ मुकाबला करने को लेकर उत्सुक है।
युवा ऑस्ट्रेलियाई ओपनर सैम कोनस्टास ‘बॉक्सिंग डे’ टेस्ट में भारतीय रेसलिंग का सामना करने के लिए बेताब हैं और उनका कहना है कि अगर उन्हें बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के चौथे मैच में मौका मिलता है तो उनके पास की पार्टिया दोस्ती और कंपनी से कुछ हासिल करने के लिए तैयार हैं। योजनाएँ हैं। इस युवा को पहली बार ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया गया है क्योंकि भारत के खिलाफ अंतिम दो टेस्ट मैच के लिए उन्होंने नए विकेटकीपर बल्लेबाज नाथन मैकस्विनी को टीम से बाहर किया है। पहले तीन टेस्ट मैचों में मैकस्विनी के ऑस्ट्रेलियाई शीर्ष क्रम में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कोन्स्टास को टीम में शामिल किया गया था।
विशेषण को लेकर है खास प्लान
कॉन्स्टास ने ‘फॉक्स क्रिकेट’ से कहा कि उनके पास भारतीय नामांकन के लिए कुछ योजनाएँ हैं। उन्हें लग रहा है कि वह काफी अच्छा कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि उन्हें मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह बस बॉल के अकाउंट से खेलेंगे और लिटरेचर प्रेशर कंजामा पर दांव लगाएंगे। वहीं दो अक्टूबर को 19 साल के हो चुके कॉन्स्टास को अगर ‘बॉक्सिंग डे’ टेस्ट खेलने के लिए इंग्लैंड-11 में चुना जाता है तो वह कैप्टन पैट कमिंस के बाद टेस्ट डेब्यू करने वाले ऑस्ट्रेलिया के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए जो 2011 में जोहानिसबर्ग में थे। दक्षिण अफ्रीका में उसकी शुरुआत हुई और वह उस समय 18 साल और 193 दिन के थे। उन्होंने कहा कि टेस्ट शुरू करना बहुत बड़ा सम्मान होगा। यह सपना सच जैसा है। वह भारत के खिलाफ लड़ाई को लेकर बहुत उत्साहित हूं। वह चुनौती लेना चाहते हैं।
(इनपुट्स-पीटीआई)