जसप्रीत बुमराह को लेकर रवि शास्त्री ने कही बड़ी बात, बताया उन्हें नहीं पसंद…


छवि स्रोत: गेट्टी
दोस्तो

भारतीय टीम इस समय घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है, जिसमें शुरुआती दो मुकाबलों में टीम इंडिया के तेजतर्रार खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। अब दोनों मुकाबलों को कुल मिलाकर 15 विकेट अपना नाम बता चुके हैं। विशाखापट्टनम के मैदान पर खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में प्लेयर ने भारतीय टीम की जीत में अहम भूमिका अदा की थी। वहीं टीम इंडिया के पूर्व प्रमुख कोच रवि शास्त्री ने अब अपने एक बयान में इस बात का खुलासा किया है कि क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए अपने शुरुआती करियर में भी उत्सुक थे। साल 2016 में श्रेयस्कर को लिमिटेड ओवर्स के कच्चे में छूट का मौका मिला था, लेकिन टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए उन्हें लगभग 2 ईस्टर्स का इंतजार करना पड़ा था।

उन्होंने कहा था कि ये उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन होगा

रवि शास्त्री ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए इंग्लैंड टीम के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे कोलकाता में पहली बातचीत याद आई जिसमें मैंने पूछा था कि वे क्रिकेट में टेस्ट प्लेयर क्या हैं? तब उन्होंने कहा था कि यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन होगा। वहीं शास्त्री ने आगे कहा कि उसने बिना मांगे ही उसे सफेद गेंद का विशेषज्ञ करार दे दिया। लेकिन मुझे पता था कि मैं और देखना चाहता था कि मैं इन खेलों का टेस्ट लेकर कितनी भूख से मर रहा हूं। मैंने उससे कहा तैयार रहो। मैंने उससे कहा कि मैं उसे दक्षिण अफ्रीका में ले जा रहा हूं। वह विराट कोहली के साथ टेस्ट क्रिकेट के लिए बेताब था। वह जानती है कि किसी भी सफेद गेंद का औसत याद नहीं है। लोग सिर्फ क्रिकेट टेस्ट में अपना नंबर हमेशा याद रखें।

माइकल को बिना तराशे ज़रिये के सीधे तौर पर डांटा

अपने बयान में रवि शास्त्री ने आगे कहा कि विराट कोहली की व्यक्तिगत प्रतिभा बहुत थी लेकिन मैं टीम की प्रतिभा देखना चाहता था। मैं जीतना चाहता था और टेस्ट क्रिकेट को सर्वोपरि बनाना चाहता था और मैंने विराट कोहली को ‘बिना तराशे घर’ के बारे में बताया। महेंद्र सिंह धोनी कैप्टन थे और मेरी नज़र कोहली पर थी। मैंने अपने दूसरे महीने की शुरुआत में ही कहा था कि समय बर्बाद हो गया है लेकिन भिक्षुक के लिए तैयार रहना है। कोहली पूरी तरह से टेस्ट क्रिकेट में शामिल थे। वह जुनूनी थे। उसने कड़ी मेहनत करने की तैयारी की थी और कठिन क्रिकेट की तैयारी की थी, जो मेरे विचारों के तरीकों से मेल खाता था। जब आप प्रतिबंधित या पाकिस्तान के खिलाफ़ खिलाड़ी हों तो आपके पास ऐसा कोई खिलाड़ी न हो जो कोई शिकायत न करे, कोई ख़तरा न बने।

(पीटीआई इनपुट्स)

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By Naresh Kumawat

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