चीन के साथ सीमा विवाद पर बात करने के लिए नेशनल नागालैंड एड दाता अजित डोवल बीजिंग पहुंच गए हैं। यहां वह चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ सीमा विवाद को लेकर बातचीत को आगे बढ़ाएंगे। अजित डोवल और वांग यी, सीमा विवाद पर बातचीत के लिए अपने देश के विशेष प्रतिनिधि भी हैं।
पांच साल की पहली मुलाकात
अक्टूबर में ब्रिक्स समिति के दौरान जब प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई थी, तब दोनों नेताओं ने अपने-अपने विशेष प्रतिनिधियों को शुरुआती स्तर पर बातचीत के जरिए आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था। डोवल उसी क्रिसमस में चीन के दौरे पर गए हैं। खासतौर पर सीमा विवाद को लेकर अजीत डोभाल और वांग यी के बीच पांच साल में ये पहली मुलाकात होगी। 2019 के बाद वैसे तो डोभाल और वांग यी ने कई बार बात की है, लेकिन विशेष प्रतिनिधि के तौर पर ये पहली मुलाकात होगी।
बीजिंग में 18 दिसंबर को बातचीत
सीमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के बाद यह भारत और चीन के रेस्तरां में सुधार का संकेत माना जा रहा है। 18 दिसंबर को बीजिंग में होने वाली इस बातचीत में एनएसए अजित डोवाल भारतीय अरिलायंस का नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) की ओर से पुष्टि की गई जानकारी के अनुसार, यह वार्ता सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखना और सीमा मुद्दे का एक, सौहार्दपूर्ण और मित्रतापूर्ण समाधान तलाशना होगा।
विदेश मंत्रालय ने देर रात जारी एक बयान में कहा, ”एनएसए और भारत-चीन सीमा मुद्दे पर भारत के विशेष प्रतिनिधि (एसआर) अजित डोभाल 18 दिसंबर को बीजिंग में 23वीं एसआर बैठक करेंगे, जहां उनकी चीनी समकक्ष चीनी कम्युनिस्ट पार्टी सेंट्रल समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी भाग भाग”
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