फोरम पर हर महीने नई फिल्में, सीरीज और डॉक्यूमेंट्री रिलीज होती हैं। कॉमेडी से लेकर हॉरर तक, हर जॉनर की फिल्में-सीरीज फिल्में मौजूद होती हैं, लेकिन एक जॉनर ऐसा है जो लोगों का ऑल टाइम फेवरेट है। हम बात कर रहे हैं क्राइम-थ्रिलर की। जॉनर की यह फिल्म हो या सीरीज, दर्शकों को हमेशा बांधे रखने में कामयाब रहती है। एक्सक्लूसिव शर्मा स्टार एनएच-10 से लेकर नवाजुद्दीन शेख़ी और कौशल कौशल स्टार रमन-राघव तक दर्शकों के पसंदीदा क्राइम-थ्रिलर्स में से हैं। इस लिस्ट में जापानीज की एक सीरीज भी शामिल है, जिसमें अब तक तीन सीजन आ चुके हैं और तीन सीजन में सच्ची कहानियों पर आधारित 3 अलग-अलग खूंखार फिल्मों की कहानी बताई गई है। इस सीरीज के तीसरे सीज़न में जिस अपराधी की कहानी बताई गई है, उसमें वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
वर्ज़न पर मौजूद क्राइम-थ्रिलर
अगर आप क्राइम-थ्रिलर के शौकीन हैं तो यह सीरीज आपको जरूर देखनी चाहिए। क्योंकि, इसका एक सीन जबरदस्त सस्पेंस और फुल सारा एडवेंचर है। हम बात कर रहे हैं 2022 में आई सीरीज ‘इंडियन प्रीडेटर इन ए कोर्टरूम’ की, जिसे दर्शकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था और आईएमडीबी पर इसे 10 में 7.1 रेटिंग मिली है। इससे पहले इंडियन प्रीडेटर के दो अन्य सीज़न रिलीज़ हुए थे, जिनमें से एक था ‘इंडियन प्रीडेटर द बुचर ऑफ दिल्ली’। इस सीरीज की कहानी चंद्रकांत झा की कहानी थी, जिसने हत्यारों को दिल्ली से दहला दिया था। वहीं दूसरा सीजन ‘इंडियन प्रीडेटर: द डायरी ऑफ ए सीरियल किलर’ था। इस सीज़न में सीरियल किलर ‘राजा कोलंडर’ की कहानी सामने आई थी, जो उत्तर प्रदेश का एक सीरियल किलर था।
इंडियन प्रीडेटर के थ्री सीजन में खुंखार चैलेंज की कहानी
इंडियन प्रीडेटर के थ्री सीजन में रियल फॉल की कहानी सामने आई है। सीरीज़ के दोनों सीज़न बेहद ख़तरनाक थे और तीसरे सीज़न में फिक्शन से भी ज़्यादा नुकसान हुआ था। इंडियन प्रीडेटर इन अ कोर्टरूम की कहानी सिर्फ एक सीरियल किलर की नहीं बल्कि एक सीरियल रेपिस्ट की भी कहानी है, जिसने बस्ती के हर घर की महिला को नाटक किया था। इस सीज़न की कहानी सीरियल किलर और रेपिस्ट ब्लैकचरण नी अक्कू यादव पर आधारित है।
अक्कू यादव कौन था?
अक्कू यादव महाराष्ट्र के नागपुर के कस्तूरबा नगर स्लम में रहने वाले थे। सीरीज़ में दिखाई गई कहानी के अनुसार, अक्कू यादव सिर्फ एक वसीयत करने वाला या फिर एक सीरियल रेपिस्ट भी नहीं था। उस पर 40 से भी ज्यादा महिलाओं के साथ बलात्कार के आरोप थे. ऐसा कहा जाता है कि उसने हर घर में एक महिला को अपनी शिकार बनाया था। उन्होंने अपने स्लैम एरिया की महिलाओं का रैप करना और उन्हें मेडिकल मैलेस्ट करना जारी रखा। उन्होंने 10 साल की बच्ची से लेकर दादी की उम्र की महिलाओं तक को अपना शिकार बनाया।
अक्कू यादव पर भी हत्या का आरोप था
अगर किसी ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत करने की कोशिश की तो उसका लाइव दुभर हो गया था। लोगों के घर में बदमाशों ने उन्हें पीटा, धमकाना, उगाही करना उनके छोटे-छोटे अपराध थे। कस्तूरबा नगर के लोगों ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने तीन लोगों की हत्या की और उनके शवों को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया।
जब कोर्ट रूम में घुसेड़ आई महिलाओं की भीड़
आखिरी दिन एक दिन अक्कू यादव पुलिस के हत्थे चढ़े और 13 अगस्त 2004 को जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया तो दोपहर 3 बजे के करीब मुंह बांधे सैकड़ों महिलाओं की भीड़ कोर्ट रूम में घुस गई और पुलिस वाले और अक्कू यादव के चेहरे पर लाल मिर्च पाउडर फेंकना शुरू हो गया दिया कर. पुलिसवाले महिलाओं के हमले से भाग गए और अक्कू यादव पर चाकू से हमला किया गया। उसके ऊपर पत्थर से भी वार किया गया। भीड़ में किसी ने उसके हाथ-पैर वार किए तो किसी ने उसके गुप्तांग तक काट दिया। 15 मिनट में ही कोर्ट रूम की सफेद संगमरमर की ईमारत लाल हो गई थी और दीवार पर खून ही खून था।