कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस अजगर कांड के सामने आते ही देशवासियों ने चार के लिए कड़ी सजा की मांग की है। कई फिल्मी सितारों ने भी इस मामले पर अपना गुस्सा और दुख जाहिर किया है। आलिया भट्ट से लेकर स्वरा भास्कर तक कई सितारों ने इस मामले को लेकर अपनी आवाज उठाई है और फिल्म के सीक्वल में सजा की मांग की है। अब इसी मामले पर आयुष्मान खुराना की एक कविता की भी चर्चा है, जिसने उस हर शख्स के दिल को झकझोर कर रख दिया है, जिस किसी ने ये कविता लिखी है।
कोलकाता ‘निर्भया कांड’ पर आयुष्मान की कविता
आयुष्मान अक्सर देशों के सिद्धांतों पर अपने तरीके से अपनी बात रखते हैं। वह अपनी कला के माध्यम से सामाजिक सहभागिता पर प्रतिक्रिया प्रतिक्रिया के लिए जाते हैं। कभी फिल्मों के जरिए तो कभी अपने समर्थकों और मॉडलों को सहारा दिए जाने पर वह सामाजिक प्रतिक्रिया पर प्रतिक्रिया देती हैं। अब कोलकाता के ‘निर्भया कांड’ पर भी उसने अपनी कला के जरिए अपना दर्द जाहिर किया है, जिसका शिल्प है ‘काश! मैं भी लड़का हूं।’
आयुष्मान खुराना की कविता
आयुष्मान ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह ये दर्द भरी कविता सुनाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में आयुष्मान कहते हैं- ‘मैं भी बिना कुंडी मांग सोती, काश मैं भी लड़का होता।’ झल्ली रेसिंग उड़ती सारी रात दोस्तों के साथ फिरती, काश में भी लड़की होती। ‘सुनना है कि लड़की को पढ़ो-लिखाओ दलित बनाओ और जब पढ़ो-लिखकर डॉक्टर स्ट्रेंथ तो मेरी मां ना खोती उसकी आंखों का मोती, काश मैं भी लड़का होता।’
काश! मैं एक लड़का हूँ
’36 घंटे का कार्य दुश्वार हुआ, बहिष्करण हुआ, बलात्कार हुआ, पुरुष के उत्पीड़न से साक्षात्कार हुआ। काश! उन पुरुषों में भी तुरंत से स्त्रीपन की कोमलता होती है। काश मैं ही लड़का हूँ। कहते हैं सिल्ट नहीं था, होता भी तो होता क्या। एक पुरुष सुरक्षा कर्मी जो उस पर नजर रखता है, उसकी नजर भी इतनी पाक होती है? काश में एक लड़का होता है। अगर मैं एक लड़का होता तो शायद आज मैं भी जिंदा होता।’
क्या है मामला?
संयोगवश, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में एक 31 साल के ट्रेनी डॉक्टर की मौत हो गई थी। जिससे पता चला कि महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई है। इस मामले में 10 अगस्त को एक नागरिक स्वयं सेवक को गिरफ्तार किया गया था और रेप केस और हत्या की जांच का खुलासा किया गया था।