सबसे लोकप्रिय टीवी सीरीज अगर बात करें तो आपके दिमाग में सी डाटा जरूर आ जाएगा। ये टीवी शो छह साल के अंतर के बाद फिर से छोटे स्पेक्ट्रम पर वापसी कर रहा है। इसकी घोषणा के बाद से हर कोई उत्सुक है। 1998 में पहली बार ये शो टीवी पर आया था और इसमें 20 साल तक के लोगों का मनोरंजन किया गया था। ये सबसे लंबे समय तक चलने वाले टीवी शोज की लिस्ट में शामिल है। अब एसीपी प्रद्युम्न के फेसबुक पेज पर एक बार फिर एसीपी ने कहा, ‘कुछ तो अच्छा है दया!’ सुनने को मिलेगा। एसीपी प्रद्युम्न के नाम से मशहूर शिवाजी सातम मराठी और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का जाना-माना नाम है। उन्हें एक शानदार कलाकार के रूप में तो हर कोई जानता है, लेकिन उनकी निजी जिंदगी के बारे में लोग कम ही जानते हैं। आपको उनके निजी जीवन के बारे में थोड़ी और जानकारी दी गई है।
कौन थी शिवाजी सातम की पत्नी?
सी बोर्डे फेम शिवाजी साटम ने अरुणा साटम से की शादी। शिवाजी टीवी स्क्रीन पर सख्त सख्त निशाने हैं, लेकिन असल जिंदगी में वे अवशेष ही नर दिल इंसान हैं। अरुणा महाराष्ट्र की सबसे बड़ी टीम के खिलाड़ी और छत्रपति शिवाजी महाराज भी हासिल कर चुके हैं। बाद में वे एक ही टीम प्रबंधन का कार्यभार संभाले और कोच बन गये। अपनी पत्नी की तारीफ करते हुए शिवाजी ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में सबकुछ हासिल कर लिया है। शिवाजी और अरुणा के बदले ने सभी को हैरान कर दिया। लोगों को लगा कि ये प्रेम विवाह था, लेकिन असल में ये एक अरेंज मैरिज थी। शादी अरुणा के पिता ने तय की थी, जो एक जिमनास्ट थे।
पत्नी अरुणा के साथ शिवाजी साटम।
कुछ ऐसी हुई थी शादी
शिवाजी ने एक बार इस बारे में खुलासा किया था कि अरुणा के साथ उनकी शादी कैसे हुई थी। उन्होंने कहा कि उनके पिता प्रगतिशील विचारधारा वाले व्यक्ति थे और उनके विचार कभी पुराने नहीं रहे। उनके पिता, उनके परिवार के मुखिया थे और शिवाजी और अरुणा की शादी का प्रस्ताव एक कॉमन फ्रेंड के ज़रिए आया था और एक-दूसरे की पसंद के लिए उनके बीच पुल का काम किया गया था। दोनों ने 1976 में शादी की और उनके दो बच्चे हैं। शिवाजी और अरुणा की यात्रा नहीं चली और वे 24 साल तक साथ रहे। असल अरुणा ने साल 2000 में अंतिम सांस ली। अरुणा कैंसर से पीड़ित क्षेत्र और सात साल तक उन्होंने सीक्वल बैटल गर्ल से मुलाकात की। इस बारे में बात करते हुए, शिवाजी ने कहा कि उनके जीवन के कठिन दौर में न केवल उन्होंने बल्कि पूरे उद्योग ने अपना साथ दिया।
दोस्तों का मिलन साथ
शिवाजी एक प्रेम करने वाले पति और एक आदर्श पारिवारिक व्यक्ति होने के नाते, अपने निजी और पेशेवर जीवन के बीच सामंजस्य बिठाते थे। उन्हें अपने बच्चों और अपनी बीमार पत्नी की देखभाल की। शिवाजी ने बताया कि यह उनका जीवन बहुत कठिन था, लेकिन उनके परिवार, दोस्तों और शिष्यों सहित सभी ने उनका पूरा साथ दिया। उन्हें याद आया कि जब उनकी पत्नी के साथ यह सब हुआ था, तब वह ‘गुलाम-ए-मुस्तफा’ की शूटिंग कर रहे थे। शिवाजी ने कहा कि नाना पाटेकर और अरुणा ईरानी सहित सभी लोग उनके करीबी सहयोगियों की तरह उनके साथ थे और वे किसी भी परिवार से कम नहीं थे।