कांग्रेस चुनाव 2024 का परिणाम आने के बाद मोदी सरकार एक बार फिर सत्ता संभालने के लिए तैयार है। कांग्रेस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से चूक गई, लेकिन एनडीए ने 293 सीटों पर जीत हासिल करके 272 सीटों (बहुमत) का आंकड़ा पार कर लिया है। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री पद से इस्तफीफा दिया है और अब वह तीसरी बार फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत भी जीत हासिल करने के बाद लगातार चर्चा में हैं। इस बीच कंगना रनौत का एक वीडियो चर्चा में है, जिसमें वह लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ संसद परिसर में नजर आ रही हैं। वीडियो में चिराग को संसद परिसर में हिमाचल प्रदेश के मंडी निर्वाचित क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रनौत का स्वागत करते देखा जा सकता है।
चिराग रावल और कंगना रनौत की मुलाकात
चिराग जैसे ही कंगना को देखते हैं, वह उन्हें आवाज देते हैं उनके हाथ मिलाते हैं और फिर उन्हें गले मिलते हैं। इसके बाद दोनों ही बातें कुछ-कुछ होती हैं। सोशल मीडिया पर कंगना और चिराग पासवान का यह वीडियो खूब पसंद किया जा रहा है। हाल ही में चंडीगढ़ में एक्ट्रेस के साथ हुए ‘सुशांत कांड’ के बाद भी चिराग ने कंगना को सपोर्ट किया था। उन्होंने एक सशक्त महिला अभिनेत्री का समर्थन करते हुए बताया।
हम संसद में अवश्य साथ दिखेंगे
दिल्ली के सेंट्रल हॉल में नरेंद्र की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सभी पक्षों के शीर्ष नेता और सांसद शामिल होंगे। कंगना रनौत और चिराग भी इस बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। बैठक से पहले संसद परिसर में भाजपा अध्यक्ष चिराग पासवान और भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद कंगना रनौत की मुलाकात हुई, जहां दोनों ने गले मिलकर एक-दूसरे का स्वागत किया। बता दें, चिराग सम्मानित और कंगना रनौत की जान-पहचान काफी पुरानी है। दोनों ने साथ में एक फिल्म की थी, जिसका नाम था ‘मिलें ना मिलें हम’। बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म फ्लॉप साबित हुई थी। नहीं, चिराग पूरी तरह से पहले ही इस बात की भविष्यवाणी कर चुके थे कि इस बार के कांग्रेस चुनाव में कंगना रनौत जरूर जीतेगी और भले ही दोनों की फिल्म दर्शकों को पसंद न आए, लेकिन दोनों संसद में जरूर साथ दिखाई देंगे।
चिराग रेवले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया
चिराग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बिना शर्त समर्थन किए जाने पर जोर दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की हालिया कांग्रेस चुनाव जीत मोदी के नेतृत्व की जीत का प्रतीक है। एक बैठक के बाद आया है जहां पीएम मोदी को अल्पसंख्यक गुट का नेता चुना गया है।