पाकिस्तान कीखबरें: पाकिस्तान की राजनीति में अभी भी उठापटक जारी है। भले ही शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है, लेकिन इसके बाद भी इमरान खान की पार्टी लगातार रुख अपनाए हुए हैं। क्योंकि वैसे भी इमरान की पार्टी के सबसे मजबूत समर्थक ही स्थिर चुनाव लड़ते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मजबूत इमरान के समर्थक ही जीते हैं। इसके बावजूद भी सत्य नहीं मिलता है। इमरान के साथ ‘खेला’ भी हुआ। उनकी पार्टी को चुनावी ‘क्रिकेट का बल्ला’ ही नहीं मिला। इसी बीच अब चुनाव नतीजों के बाद इमरान खान की पार्टी कॉन्स्टेबल उम्मीदवार अपनाए गए हैं। इमरान खान की पार्टी सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद ऑरिजिनल सीट से इनकार कर दिया गया।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने घोषणा की है कि राष्ट्रीय और प्रांतीय सभाओं में अन्य आश्रमों में प्रवेश के लिए आवेदक को चुनौती देने वाली सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (काउंसिल) की याचिका को एक अदालत ने खारिज कर दिया है। जाने के बाद वह सर्वोच्च न्यायालय का रुख रखता है। इमरान खान की याचिका को तब झटका लगा जब गुरुवार को पेशावर हाई कोर्ट ने एसआईसी की सूची पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया था।
दो दिन तक चला गया
प्रियंका ने लगातार दो दिन तक टॉयलेट किया। गुरुवार को एक प्रमुख आदेशपाल और एसिस्टिक्स द्वारा दो पदों को खारिज कर दिया गया। पाकिस्तान टेलीकॉम आयोग (ईसीपी) ने 4 मार्च को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 4-1 बहुमत के फैसले में एसआईसी की प्रतिष्ठा हासिल करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था। आयोग ने पार्टी सूची के लिए “गैर उपचारात्मक कानूनी दोष” और अनिवार्य रूप से अयोग्य व्यक्तियों के उल्लंघन का निष्कर्ष निकाला था। पीठ के फैसले के बाद, पार्टी के अध्यक्ष गोहर अली खान ने रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर के स्टूडियो से कहा कि पूर्व की पार्टी की पार्टी के अध्यक्ष ने अपने हिस्से का दावा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
दो सप्ताह तक लोगों से नहीं मिली फ़ाइन जेल में बंद इमरान खान
इसी बीच ये इमरान खान जा कि अदियाला जेल में बंद है। उनकी एक और फ़ज़ीहत बढ़ी है। बंद किए गए इमरान खान की नई मुश्किल यह है कि जिस अदियाला जेल में वे बंद हैं, वहां दो हफ्ते तक लोगों को कोई पैसा नहीं मिल सका। दावा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को रावलपिंडी की अदियाला जेल में दो हफ्ते तक लोगों से मिलने पर रोक लगा दी गई है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सरकार पर फासीवादी फैसला सुनाया। साथ ही इस फैसले पर सख्त एतराज बंसल। पार्टी ने कहा कि यह सरकार इमरान की आवाज को दबाने की एक और कोशिश है।