इजराइल ने एक के बाद एक अपने दो बड़े दुश्मनों को मार गिराया है। हिज्ब कमांडर फौद शुकर और हमास के मुखिया इस्माइल की मौत हो गई है। बता दें कि हिज्ब और हमास दोनों ही इजराइल से दोस्ती करना चाहते हैं। इजराइल के कई बड़े दावों को अंजाम देने वाले फौद शुकर की तलाश में काफी समय इजराइल और अमेरिका को मिला था। पिछले कई दशकों से इसकी तलाश जारी थी। बताएं कि हिज्ब ने रणनीति बनाने और उसे अंजाम देने के लिए ये काम किया था। फ़ौद शुकर पर 40 करोड़ रुपए की मुआवज़ा घोषित किया गया था। आप हिंजबाबाद के कमांडर के कद का आकलन करके उसकी राशि का पता लगा सकते हैं। इस बीच इज़रायली सेना की ओर से दावा किया गया है कि उन्होंने कई निर्दोषों की हत्या कर दी है और फ़ौद शुकर को मार डाला है।
फ़ौद शुकर कौन है?
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, लेबनान के आतंकी संगठन हिज्ब के सीनियर कमांडर और बेरूत में इजरायल के आतंकी संगठन फौद शुकर को आतंकी संगठन के प्रमुख का करीबी सलाहकार माना गया था। साल 1983 में बेरूत में हुए बमबारी के बाद अमेरिकी सरकार को फ़ौद शुक्र की तलाश थी। बता दें कि बेरूत में हुए इस हमले में 300 अमेरिकी और फ्रांसिसी सैनिक मारे गए थे। हालाँकि अब तक यह साफ़ नहीं हो पाया है कि क्या फ़ौद शुकर इज़रायली हमलों में मारा गया है या नहीं। बता दें कि फौद शुकर पर इजरायल के गोलन हाईट्स इलाके में एक फुटबॉल ग्राउंड पर हमला करने का आरोप है। इस हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद इजराइल ने फौद शुकर को मारने का फैसला लिया।
मास्टरमाइंड द्वारा कई दावों का भुगतान किया गया है
उज़रायल ने बताया कि फ़ौद शुक्र को मारा गिराने के लिए लेबनान की राजधानी बेरूत में कई हवाई हमले हुए। फ़ौद शुकर को हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का करीबी और भरोसेमंद माना जाता है। साल 2016 में सीरिया में बुजुर्ग हिज्बत कमांडर की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद फौद शुकर ने उनकी जगह ली थी। साल 1983 में बेरूत में एक बराक पर हमला हुआ था। यह हमला जहां हुआ, वहां फ्रांस और अमेरिका के सैनिक तैनात थे। बता दें कि फ़ौद शुकर के अवावे इज़रायल ने आज हमास के मुखिया इस्माइल नुकसानिया को भी मार डाला है।