इजराइल-हमास संघर्ष पर भारत ने UN में रखा पक्ष, भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने जो कहा वो आपको जानना चाहिए


छवि स्रोत: एएनआई
संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिष्ठित प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज (फाफा फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने इसी महीने गाजा में युद्धविराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को ”सकारात्मक कदम” बताया है। भारत ने कहा है कि इजराइल-हमास संघर्ष से पैदा हुआ मानवीय संकट ”अस्विव कार्य” है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा, ”हम गाजा में जारी संघर्ष से बेहद चिंतित हैं। मानवता संकट गहरा गया है और क्षेत्र एवं उसका बाहरी हिस्सा बढ़ रहा है।” रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से 25 मार्च को ”सकारात्मक कदम” के रूप में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। ।।

‘नहीं चाहिए किसी नागरिक की मौत’

कंबोज ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के कारण बड़ी संख्या में नागरिक, लंबी महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ”इस संघर्ष के कारण पैदा हुआ मानवीय संकट बिल्कुल भी स्मरणीय नहीं है।” कंबोज ने कहा कि भारत के संघर्ष में आम नागरिकों की मौत की निंदा की जाती है और किसी भी संघर्ष की स्थिति में यह अनिवार्य है कि आम नागरिक की मौत की घटना नाहोन।

पिछले महीने प्रस्ताव पारित हुआ था

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले महीने गाजा में हुए हिंसक संघर्ष के दौरान गाजियाबाद में विराम का प्रस्ताव पारित किया था। इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के लगभग पांच महीने से अधिक समय बाद यह प्रस्ताव पेश किया गया था। 15 राष्ट्रों वाली सुरक्षा परिषद ने 10 गैर-स्थायी पूर्वी समुदायों द्वारा प्रस्ताव को प्रस्तावित किया। प्रस्ताव के पक्ष में 14 देशों ने मतदान किया, जबकि अमेरिका मतदान में शामिल नहीं हुआ। हालाँकि, इससे कुछ दिन पहले ही 22 मार्च को रूस और चीन ने गाजा में सक्रिय युद्धविराम एसोसिएटेड एक अमेरिकी प्रस्ताव वीटो का इस्तेमाल किया था। इस प्रस्ताव के तहत गाजा में नागरिकों की सुरक्षा और भुखमरी का सामना करने के लिए 20 लाख से अधिक फलस्तीनी लोगों को सहायता योजना के तहत गाजा में इजरायल-हमास युद्ध पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा गया था।

‘बिना शर्त हो बंधकों की रिहाई’

रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत के नेतृत्व में भारत के रुख को लेकर संघर्ष ने कई अवसरों पर स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से हमला या बंधक बनाए रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले साल सात अक्टूबर को इजराइल पर जानलेवा हमले हुए थे और ”स्पष्टतौर पर निंदा” के पात्र थे। कंबोज ने कहा, ”भारत के खिलाफ सभी प्रारूप लंबे समय से स्पष्ट बने हुए हैं और इस रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है।” हम सभी बंधकों की स्वचालित और बिना शर्त रिहाई की मांग कर रहे हैं।”

जारी ह्यूमन सहायता

कंबोज ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का स्वागत किया और कहा कि भारत ने फलस्टीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की है और वह ”ऐसा करना जारी रखेंगे।” उन्होंने कहा, ”हम ऐसे आंध्र प्रदेश समाधान का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, जिसमें फिलिस्तीनी लोग इजराइल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक आजाद देश के अंदर सुरक्षित जगहों पर स्वतंत्र रूप से रह गए हैं।”

यह भी पढ़ें:

इजराइल हमास युद्ध: राफेल पर हमलों को लेकर साफ है इजराइल का रुख, पीएम नेतन्याहू बोले ‘यह होगा…’

अमेरिका में नहीं रह रहे थे भारतीय छात्रों की मौत का सिलसिला, अब लापता अब्दुल की मिली मौत

नवीनतम विश्व समाचार





Source link

By Naresh Kumawat

Hiii My Name Naresh Kumawat I am a blog writer and excel knowledge and product review post Thanks Naresh Kumawat

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *