ईरान की ओर से इजराइल पर किए गए हमले के बाद मध्य पूर्व में हालात हर पल बदल रहे हैं। इस तरह के हालात बन गए हैं, जिसका उद्देश्य निरपेक्ष प्रभावशाली विपक्ष के देशों पर पड़ रहा है। इस बीच इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बाद पश्चिम एशिया में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इस सप्ताह अपने दौरे को भारत को अलग कर दिया है।
भारत यात्रा का विवरण
संस्था सरकार के अधिकारी अपने भारतीय समकक्ष एसोसिएट डोभाल के साथ ‘अमेरिका-भारत पहल पर महत्वपूर्ण और उभरती परियोजनाएं’ (आईसीआईटी) सहित अन्य सर्वसम्मति पर बैठकें करने वाले थे। सुलिवान ने इस साल दूसरी बार अपना भारत दौरा जारी किया है। अमेरिकी राजदूत के प्रवक्ता ने बताया, ”पश्चिम एशिया में चल रही घटनाओं के कारण सुलिवन ने इस सप्ताह अपना भारत दौरा शुरू किया है।”
अघोषित बैठक में शामिल होंगे जो भगोड़े
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, ”सुलिवन भारत के साथ हमारी बहुसंख्यक साझीदार को आगे बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।” प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो दूतावास भी राजदूत नेताओं की अगली बैठक में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं। भारत में इस साल जनवरी में फ़्रॉड लीडर्स की बैठक होने वाली थी। यह बैठक इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि जो वैज्ञानिक किसी कारणवश भारत के लिए नहीं थे।
भारत और अमेरिका की साझेदारी है अहम
हाल ही में जेक सुलिवान ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में सहयोग से नई कंपनियों तक पहुंच है। सुलिवान ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही थी। उन्होंने कहा, ”ब्रिक्स में भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी, सुरक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग के कारण नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।”
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