इंग्लैंड के साउथ पोर्ट में चाकू से हमले में 3 बच्चियों की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शन, दर्जनों लोग गिरफ्तार


छवि स्रोत : REUTERS
इंग्लैंड में प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार पुलिस करती है।

लंदन: इंग्लैंड के साउथ पोर्ट में बच्चों की डांस क्लास में 3 बदमाशों की मौत की वजह से बच्चों की डांस क्लास में फेल अक्रोश ने लोगों को ला दिया। उग्र लोगों ने इंग्लैंड में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने बड़े पैमाने पर लोगों को गिरफ्तार किया है। इंग्लैंड और उत्तरी आयरलैंड के कुछ अलग-अलग देशों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। इसके बाद पुलिस ने बड़े पैमाने पर लोगों को गिरफ्तार किया। सरकार ने उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है, जहां के बारे में कहा गया है कि वे तीन लड़कियों की हत्या के लिए बेरोजगारी लाभ उठा रहे हैं।

बता दें कि पिछले हफ्ते उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के साउथपोर्ट में बच्चों की डांस क्लास में चाकू से हमला हुआ था। इसमें तीन लड़कियों की मौत हो गई थी। इसके बाद ब्रिटेन भर के बाजारों और शहरों में सैकड़ों आप्रवास विरोधी विचारधारा के हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। पहले ग़लत सूचना यह प्रचारित की गई थी कि निरपेक्ष एक कट्टर इस्लामी प्रवासी था। मगर बाद में वास्तुशिल्पियों ने ही पकड़ ली। पुलिस के अनुसार संदिग्ध हत्यारे का जन्म ब्रिटेन में हुआ था। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उनका परिवार ईसाई था।

देश भर में 87 लोग गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार शनिवार को, लिवरपूल, ब्रिस्टल, हाल और स्टॉक-ऑन-ट्रेंट के साथ-साथ ब्लैकपूल शहर सहित देश भर के शहरों में हिंसक समानताएं सामने आईं। इस दौरान कम से कम 87 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मैनचेस्टर और बेलफ़ास्ट में भी रेस्तरां का आलम था। पुलिस के दस्तावेज़ में कहा गया है कि क़ीमती सामान और ख़रीदारियाँ की गईं। लिवरपूल में एक पुस्तकालय में आग लग गई और कई छात्र घायल हो गए। आंतरिक मंत्री यवेटे कूपर ने शनिवार देर रात कहा, “हमारे परिवार पर आपराधिक हिंसा और गुंडागर्दी नज़र नहीं रखी जाएगी।” अभियोजन पक्ष में शामिल आपराधिक लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने में पुलिस बलों को मेरा पूरा समर्थन है।

उन्होंने कही ये बात

प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि ये वैध विरोध नहीं है, बल्कि इसमें “उन लोगों का समूह शामिल है, जो पूरी तरह से हिंसा पर आमादा हैं।” यह दूर-दराज के लोगों द्वारा की गई कारवाइयों का परिणाम है। पिछली बार पूरे ब्रिटेन में हिंसक विरोध प्रदर्शन 2011 में हुआ था, जब लंदन में पुलिस की गोली से एक चोर व्यक्ति की मौत के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे। रविवार को सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले सावेज़ के आधार पर और भी अधिक प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी। (रॉयटर्स)

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By Naresh Kumawat

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