अपने ही देश में घिरे मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू, विपक्ष ने भारत को बताया पुराना सहयोगी


छवि स्रोत: फ़ाइल
रेस्तरां के राष्ट्रपति मोइज्जू

मालदीव समाचार: तानाशाही के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू जब से राष्ट्रपति बने हैं, भारत विरोधी रुख अपना रहे हैं। ऐसे कई कदम हैं, जो भारत विरोधी हैं। इनमें अपने देश से उन भारतीय सैनिकों को वापस लाने की बात शामिल है, जो कई दशकों से नियुक्त हैं। यही नहीं, चीन के दौरे के बाद मोइज्जू ने चीन के जासूस जहाज को भी यहां पर उजागर किया है। इस जहाज से भारत से जुड़े समुद्री जहाज़ से जुड़ी जानकारी लिंक हो सकती है। इसी बीच विज्ञापन के राष्ट्रपति के भारत विरोधी कदम के बाद वे अपने ही देश में घिर रहे हैं। प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने मोइज्जू का विरोध करते हुए अपने भारत विरोधी रुख पर चिंता व्यक्त की। साथ ही भारत को अपना पुराना सहयोगी बताया। अर्थशास्त्री के दो प्रमुख चर्च चिंता ने भारत को ‘सबसे पुराना सहयोगी’ नियुक्त किया, अपनी सरकार के भारत विरोधी रुख पर रविवार को सहमति व्यक्त की। डेमोक्रेटियन डेमोक्रेटिक पार्टी ‘मार्केटपी’ और डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों आश्रमों ने एक दिन बाद अपनी जमीन पर चिंता जताई।

चीन के जासूसी जहाज को कारोबार में दी गयी मात्रा

कहा गया है कि शोध और सर्वेक्षण में एक चीनी जहाज को देश के एक बंदरगाह पर खड़ा होने की जानकारी दी गई है। चीनी जहाज को भारत में खरीदने और खरीदने के बीच तनाव के बीच बताया गया है। नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सत्ता में आकर अपनी पहली विदेश यात्रा के बाद चीन की यात्रा की थी।

भारत को नज़रअंदाज़ करके की चीन की पहली यात्रा

पारंपरिक रूप से डेमोक्रेट के राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत की यात्रा कर रहे हैं। दोनों बिजनेस आर्केस्ट्रा ने अपने स्कैम में कहा कि ऐसा खास होता है कि वर्तमान प्रशासन भारत विरोधी रुख अपना रहा है। दोनों शेयरधारकों ने कहा कि उनका मानना ​​है कि किसी भी देश के सबसे पुराने सहयोगी से दूर रहने वाले देश के अराध्य विकास के लिए कोई भी साझीदार और विशेष रूप से भूखा रह जाएगा।

हॉस्टल के नेताओं ने कही ये बात

एमडीपी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री फैयाज इस्माईल और संसद के उपाध्यक्ष अहमद अमेरीका, डेमोक्रेट पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद हसन लतीफ आदि नेता एक संयुक्त पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘देश के विभिन्न वैयक्तिक उद्यमों को लोगों के लाभ के लिए सभी विकास भागीदारों को साथ लेकर काम करना चाहिए, जैसा कि पारंपरिक पारंपरिक रूप से किया जाता है। हिंद महासागर में स्थिरता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।’ दोनों ने मिलकर काम करने की रणनीति के तहत शासन से जुड़े अलग-अलग सदस्यों पर काम किया।

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By Naresh Kumawat

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